लखनऊ। कचरा प्रबंधन में फेल जिस ईकोग्रीन (Ecogreen) कंपनी को अब तक हटाया जा रहा था, प्रमुख सचिव नगर विकास की ओर से सोमवार को बुलाई गई बैठक के बाद उस पर मेहरबानियां शुरू हो गई हैं। पहले तो कंपनी को दोबारा काम की अनुमति दी गई और अब 11 करोड़ का भुगतान भी किया जा रहा है। यह तब है जबकि कंपनी की लापरवाही के कारण ही नगर निगम पर 50 करोड़ का जुर्माना एनजीटी लगा चुकी है।
तीन साल से ईकोग्रीन (Ecogreen) कंपनी पर मेहरबानी का खामियाजा नगर निगम को अब तक उठाना पड़ रहा है। प्लांट पर इतना कूड़ा जमा है कि वहां पर कूड़ा डालने की जगह ही नहीं बची है। शहर का जो कूड़ा जाता है, उसे डालने के लिए रोज पहले जगह बनानी पड़ती है। इसी पर दिन में करीब डेढ़ लाख रुपये का खर्च आता है। प्लांट पर इस समय करीब 25 लाख मीट्रिक टन कूड़ा डंप है, जिसके निस्तारण पर ही करीब 100 करोड़ से अधिक बजट खर्च किया जाएगा। इसे लेकर प्रस्ताव मंजूर हो गया है। टेंडर प्रक्रिया भी करीब एक महीने पहले की जा चुकी है। इसे लेकर ही ईकोग्रीन कंपनी को हटाने की कार्रवाई तेज हुई है, लेकिन शासन ने फिर उसको बख्श दिया।
इधर छह महीने में कई बार कंपनी काम ठप कर शहरवासियोंं की समस्या बढ़ा चुकी है। इसके बाद भी शासन उसको लगातार बचा रहा है। पिछले तीन महीने से शासन में उसके निरस्तीकरण का प्रस्ताव अटका था। उसे तो शासन ने पास नहीं किया, उल्टे चुनाव आचार संहिता के नाम पर उसे फिर से बचा लिया।
आचार संहिता तक कोई नया कदम नहीं
नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह ने बताया कि प्रमुख सचिव नगर विकास की बैठक में यह बात आई थी कि ईकोग्रीन के कर्मचारियों को वेतन न मिलने के कारण वे काम नहीं कर रहे। इस कारण उनको 11 करोड़ का भुगतान किया जा रहा है। ईकोग्रीन कंपनी अभी काम करेगी। वह जहां पर काम नहीं कर पाएगी, वहां नगर निगम उसका सहयोग करेगा। चूंकि अब चुनाव आचार संहिता लागू है, ऐसे में कोई नया नीतिगत निर्णय नहीं ले सकते।
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अब जो भी नया कदम होगा वह चुनाव आचार संहिता के बाद ही उठाया जाएगा। नगर आयुक्त ने यह भी कहा कि कंपनी ने अनुबंध के तहत काम नहीं किया। इस कारण उसके बिलों में कटौती की गई है। कंपनी जो भी कहे मगर उसका करीब 10 करोड़ ही बकाया है, जिसका जांच के बाद भुगतान किया जा रहा है।
दो दिन में साफ हो जाएगा कूड़ा
ईकोग्रीन (Ecogreen) के सीईओ नागार्जुन रेड्डी का कहना है कि मीटिंग में 24 घंटे में शहर का कूड़ा साफ करने का अल्टीमेटम मिला है। इसे देखते हुए काम किया जा रहा है। ज्यादातर पड़ाव घरों से कूड़ा उठ गया है। काॅम्पैक्टर भी ठीक कराए जा रहे हैं। ग्वारी ट्रांसफर स्टेशन दो दिन में खाली हो जाएगा। नगर निगम पर चार महीने का करीब 30 करोड़ बकाया है, जिसमें से अब 11 करोड़ का भुगतान करने का आश्वासन मिला है। इससे कर्मचारियों को मार्च तक का बकाया वेतन दिया जाएगा।