उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर के ग्रामीण इलाके में एक झोलाछाप डॉक्टर ने लगातार गलत इलाज किया जिससे कोविड पॉज़िटिव की मौत होने की खबर है। इस शिकायत पर सीधे कलेक्टर ने आनन फानन में सख्त जांच के आदेश दे दिए हैं।
वास्तव में, यूपी में पंचायत चुनावों के बाद से ही कोरोना वायरस का संक्रमण ग्रामीण इलाकों में फैल चुका है और यहां से डर, अंधविश्वास और मौतों को लेकर कई तरह की खबरें अब लगातार आ रही हैं। ताज़ा मामला गौतमबुद्ध नगर के जेवर इलाके का है, जहां दाऊजी मोहल्ले निवासी रतनलाल की बेटी अलका की मौत कथित तौर पर गलत इलाज के चलते हुई। पूरा मामला और कलेक्टर की नाराजगी के बारे में पूरा ब्योरा जानिए।
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सिर्फ़ बीमारी ही नहीं, बल्कि इलाज गलत हो या समय से न हो, तो भी जान जा सकती है। अलका को तेज बुखार की शिकायत होने पर जब परिजन उसे पास के ही एक डॉक्टर के पास ले गये, तो इलाज के नाम पर वह डॉक्टर उसे ग्लूकोज की बोतलें चढ़ाने लगा। कुल 15 बोतलें चढ़ाने के बाद भी जब हालत और खराब हुई, तो इस झोलाछाप डॉक्टर ने हाथ खींच लिये। अलका के परिजनों ने कहा कि अलका का कोविड19 परीक्षण भी नहीं किया गया था।
बहरहाल, अलका की हालत और बिगड़ी तब उसके परिजन उसे जेवर स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले गये, लेकिन वहां जांच के बाद मेडिकल स्टाफ ने पहले ही अलका की मौत हो जाने की तस्दीक कर दी। इसके बाद, झोलछाप डॉक्टर पर परिजनों का गुस्सा फूटता दिखा।