पशुपालन विभाग के नाम पर करोड़ों की ठगी मामले में आरोपी निलंबित डीआईजी अरविंद सेन पर 25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया है। सेन की गिरफ्तारी के लिए बीते दिनों पुलिस ने गैर जमानती वारंट हासिल किया था। सोमवार को उनकी संपत्ति की कुर्की की कागजी कार्रवाई भी शुरू कर दी गई। वहीं, सिपाही दिलबहार भी गिरफ्तार कर लिया गया है।
सेन पर ठगी के आरोपियों को संरक्षण देने व रुपया वसूलने का आरोप है। उन्होंने कोर्ट में पैरवी की पर हाईकोर्ट ने उनकी अग्रिम जमानत वाली अर्जी खारिज कर दी। पुलिस आयुक्त डीके ठाकुर ने बताया कि मामले की विवेचना कर रहीं गोमतीनगर की एसीपी श्वेता श्रीवास्तव की संस्तुति पर 25000 रुपये का इनाम घोषित किया गया है।
सूत्रों का कहना है कि सेन को हाजिर होने के लिए सोमवार तक का वक्त दिया गया था। मामले की रिपोर्ट इंदौर के कारोबारी मंजीत सिंह भाटिया ने 13 जून को हजरतगंज कोतवाली में दर्ज कराई थी।
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कारोबारी को धमकाने के आरोपी नाका थाने के सिपाही दिलबहार सिंह यादव को पुलिस ने सोमवार देर रात गिरफ्तार कर लिया। गोमतीनगर निवासी एक पूर्व मंत्री व एक वकील पर सिपाही को संरक्षण देने का आरोप है। रविवार को पुलिस ने पूर्व मंत्री और वकील के घर पर छापा मारा था। वकील के यहां सिपाही की कार खड़ी मिली थी, पर दिलबहार नहीं मिला था।
भ्रष्टाचार निवारण के विशेष न्यायाधीश संदीप गुप्ता ने सीबीसीआईडी के तत्कालीन एसपी व निलंबित डीआईजी अरविंद सेन के खिलाफ जारी गिरफ्तारी वारंट को वापस लेने की मांग वाली अर्जी खारिज कर दी है।
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सेन की ओर से अर्जी देकर बताया गया की उसकी अग्रिम जमानत अर्जी की सुनवाई हाईकोर्ट में लंबित है लिहाजा गिरफ्तारी वारंट का आदेश वापस लिया जाए। इस पर कोर्ट ने कहा की इस मामले में हाईकोर्ट से आरोपी के पक्ष में कोई आदेश नहीं है और आरोपी कोर्ट में हाजिर नहीं है। इस स्तर पर वारंट वापसी की अर्जी पोषणीय नहीं है।