लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) ने आज (शुक्रवार) उत्तर प्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (UP GIS) में कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘रिफॉर्म, परफॉर्म, ट्रांसफार्म’ के मंत्र को हमने आत्मसात किया। इस मंत्र केआवाहन के साथ सरकार के प्रयासों का परिणाम है कि इस निवेश के महाकुंभ के माध्यम से 32 लाख 92 हजार करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। नवीकरणीय ऊर्जा, रियल एस्टेट, शिक्षा, पर्यटन, इलेक्ट्रॉनिक वाहन मैन्युफैक्चरिंग, हाउसिंग, फूड प्रोसेसिंग जैसे अनेक सेक्टरों में अब तक हुए 18 हजार 645 एमओयू के जरिये होने जा रहा यह निवेश प्रदेश में 92 लाख 50 हजार से अधिक नौकरी और रोजगार के नए अवसर सृजित करेगा। इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने इस महाकुंभ का उद्घाटन किया। इसके बाद वे महाराष्ट्र के अपने दौरे पर रवाना हो गए।
मुख्यमंत्री (CM Yogi) ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के विजन के अनुरूप ‘नए भारत का नया उत्तर प्रदेश’ देश के ग्रोथ इंजन की बड़ी भूमिका निभाने को तैयार है। तीन दिवसीय वैश्विक निवेशक सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में प्रधानमंत्री, रक्षामंत्री, राज्यपाल और अनेक केंद्रीय मंत्रियों, विश्व स्तर के नीति निर्धारकों, कॉर्पोरेट जगत के शीर्ष नेतृत्व, व्यापारिक प्रतिनिधिमंडलों, एकेडेमिया, विचार मंच एवं प्रबुद्धजनों की उपस्थिति के बीच मुख्यमंत्री ने सभी को प्रदेश के विकास में सहभागिता के लिए आमंत्रित किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने बीते छह वर्षों में प्रदेश में व्यापक बदलाव की यात्रा को साझा किया।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में बेहतर कानून-व्यवस्था और निवेश को प्रोत्साहित करने वाली 25 सेक्टोरल नीतियों के माध्यम से उत्तर प्रदेश ने अपनी परिवेश को औद्योगिक विकास के अनुकूल बनाया है। निवेशकों की सुविधा के लिए समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर हस्ताक्षर करने एवं उनके कार्यान्वयन की निगरानी के लिए निवेश सारथी ऑनलाइन प्रणाली है। साथ ही एक ऑनलाइन इंसेंटिव मैनेजमेंट और “कस्टमर रिलेशनशिप मैनेजमेंट पोर्टल (निवेश सारथी)” भी उपयोगी सिद्ध हो रहा है। ऑनलाइन सिंगल विंडो पोर्टल ‘निवेश मित्र पर 33 विभागों की 406 सेवाएं उपलब्ध हैं। निवेशकों की सहायता के लिए उद्यमी मित्र की तैनाती की जा रही है।
सभी के सहयोग से पूरा होगा एक ट्रिलियन का लक्ष्य
मुख्यमंत्री (CM Yogi) ने कहा कि इन्वेस्टर्स समिट से पूर्व उत्तर प्रदेश के मंत्रियों के समूह द्वारा 16 देशों के 21 शहरों में रोड शो आयोजित किए गए, साथ ही देश के नौ बड़े नगरों में भी रोड शो हुए। इसमें हमें विदेशों में तैनात भारतीय मिशनों, राजदूतों, उच्चायुक्तों, व्यापारिक एवं औद्योगिक संगठनों का सहयोग मिला। इन सभी के सकारात्मक सहयोग से प्रधानमंत्री मोदी के विजन को आगे बढ़ाते हुए उत्तर प्रदेश की एक ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य सफल होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज इस निवेश महाकुंभ से प्रदेश के सभी 75 जिले जुड़े हुए हैं। हर जिले में निवेश के कार्यक्रम हो रहे हैं।
औद्योगिक विकास के लिए यूपी में है बेहतर पारिस्थितिकी तंत्र
प्रदेश की औद्योगिक नीति एवं सेक्टरोल पॉलिसी से परिचय कराते हुए उन्होंने कहा कि भारत के फ़ूड बास्केट के रूप में जाना जाने वाला उत्तर प्रदेश खाद्यान्न, दूध, गन्ना समेत कई वस्तुओं के उत्पादन में प्रथम स्थान पर है। सरकार ने आईटी, आईटीईएस, डेटा सेंटर, ईएसडीएम, डिफेंस एवं एयरोस्पेस, इलेक्ट्रिक वाहन, टेक्सटाइल, एमएसएमई आदि विभिन्न क्षेत्रों में निवेश आकर्षित करने के लिए लगभग 25 नीतियां तैयार करके औद्योगिक विकास के लिए एक समग्र पारिस्थितिकी तंत्र बनाने की दिशा में अनेक सुधारात्मक कदम उठाए हैं। यमुना एक्सप्रेस-वे के निकट राज्य का पहला मेडिकल डिवाइस पार्क का शुभारंभ किया गया है। इसी प्रकार यमुना एक्सप्रेस-वे क्षेत्र में फिल्म सिटी, टॉय पार्क, अपैरल पार्क, हैंडीक्राफ्ट पार्क, लॉजिस्टिक हब विकसित किए जा रहे हैं। अन्य परियोजनाओं में ग्रेटर नोएडा में आईआईटी जीएनएल, बरेली में मेगा फूड पार्क, उन्नाव में ट्रांसगंगा सिटी, गोरखपुर में प्लास्टिक पार्क, गोरखपुर में गारमेंट पार्क तथा अनेक फ्लैटेड फैक्टरी परिसरों को विकसित किया जा रहा है
UP GIS-23: ऊर्जा सेक्टर में आया सात लाख करोड़ का निवेश
प्रदेश के विश्वस्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर, उद्योग अनुकूल नीतियों और निवेशकों की सुरक्षा के अनुकूल कानून-व्यवस्था की नीतियों के परिचय के साथ वैश्विक औद्योगिक जगत का आह्वान करते हुए मुख्यमंत्री ने उत्तर प्रदेश में विद्यमान अपार अवसरों का लाभ उठाने तथा नए भारत को समृद्ध एवं शक्तिशाली बनाने की दिशा में प्रदेश की प्रगति यात्रा में सहयात्री बनने के लिए सभी को आमंत्रित किया और निवेश करने वाले औद्योगिक समूहों, उद्यमियों के सरकार की नीतियों के अनुरूप उनके हितों को सुरक्षित रखते हुए हर सम्भव सहायता उपलब्ध कराने का भरोसा भी दिया। उन्होंने कहा कि बीमारू होने का दंश झेलने वाले बुंदेलखंड और पूर्वांचल जैसे क्षेत्रों में इस ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के जरिये व्यापक निवेश आया है। अब तक प्राप्त निवेश प्रस्तावों में से नौ लाख करोड़ से अधिक का निवेश पूर्वांचल में और चार लाख 28 हजार करोड़ का निवेश बुंदेलखंड में होने जा रहा है। यह औद्योगिक निवेश इन क्षेत्रों में विकास की अपार संभावनाओं को आकार देने वाला होगा।