उत्तर प्रदेश में बाहुबली विधायक एवं माफिया सरगना मुख्तार अंसारी के करीबी हिस्ट्रीशीटर राजेश उर्फ राजन सिंह की 35 लाख रूपये से अधिक की अचल संपत्ति मऊ पुलिस ने गुरूवार को जब्त कर ली है।
पुलिस सूत्रों ने गुरूवार को बताया कि मुख्तार गिरोह आईएस 191 के करीबी कोयला माफिया एवं आईआर 09 गैंग के सदस्य राजन की 35 लाख 23 हजार 600 रूपये की सम्पत्ति गैंगस्टर एक्ट के तहत जब्त की गयी है। पुलिस की यह कार्रवाई मन्ना सिंह हत्याकांड के गवाह राम सिंह मौर्य और आरक्षी सतीश की हत्या के मामले मेें की गयी है। पुलिस ने सदर तहसील में खरगजेपुर गांव में 766 वर्ग मीटर भूखंड को गैंगस्टर एक्ट के अंतर्गत जब्त की।
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उन्हाेने बताया कि राजन सिंह त्रिदेव कंस्ट्रक्शन कंपनी/त्रिदेव कोल डिपो/त्रिदेव ग्रुप का संचालन अपने भाई उमेश सिंह के साथ मिलकर करता रहा है। इसके द्वारा मुख्तार अंसारी व गिरोह की आर्थिक रूप से मदद पिछले दो दशकों से की जाती रही है।
वर्ष 2009 में हुये मन्ना सिंह हत्याकांड में गवाह राम सिंह मौर्य व उनकी सुरक्षा में लगे पुलिसकर्मी आरक्षी सतीश की सन 2010 में ताबड़तोड़ फायरिंग कर हत्या कर दी गई जिसके संबंध में थाना दक्षिण टोला में एफआईआर दर्ज की गयी थी। इस मामले राजन मुख्तार अंसारी के साथ सह अभियुक्त था। पिछले दो दशकों के दौरान राजन सिंह व उमेश सिंह के द्वारा मुख्तार अंसारी व गिरोह के मुख्य शरणदाता व आर्थिक मददगार के रूप में अतिसक्रिय व अग्रणी भूमिका रही है। माफिया से सम्बन्धों का फायदा उठाकर इंदारा कोपागंज में कोल डिपो स्थापित कर मोनोपोली बनाते हुए कोयला माफिया के रूप में इन दोनों के द्वारा अर्जित धन से मुख्तार अंसारी गिरोह की फंडिंग लंबे समय से की जाने की भी बात प्रकाश में आई है।
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इनके द्वारा माफिया व माफिया गिरोह से संबंध का इस्तेमाल करते हुए कोयले के व्यापार में अपनी मोनोपोली स्थापित करते हुए जिले के अन्य व्यापारियों में भय व आतंक का माहौल पैदा किया गया जिससे अन्य कोई व्यक्ति कोयला व्यापार में नहीं आया। इस प्रकार गैंग के रूप में कार्य करते हुए जघन्य अपराधों के माध्यम से अवैध धन का इस्तेमाल अपराधियों को संरक्षण देने के साथ साथ अपने बिजनेस में लगा कर त्रिदेव के नाम से अलग-अलग कंपनियां खोलकर किया गया।
गौरतलब है कि राजन सिंह के भाई उमेश सिंह की अपराध व अवैध रुप से अर्जित लगभग 6.5 करोड़ रूपये की संपत्ति पूर्व में जब्त की जा चुकी है।