बरेली। उमेश पाल हत्याकांड के आरोपी अतीक अहमद के भाई अशरफ (Ashraf) पर भी उमेश पाल की हत्या (Umesh Pal Murder Case) कराने की साजिश का आरोप है। इस पूरे हत्याकांड की साजिश बरेली की जिला जेल में बंद अशरफ ने शूटरों को बुलाकर रची थी। बरेली से वापस जाने के बाद शूटरों ने प्रयागराज में 24 फरवरी को उमेश पाल और उनके दो सुरक्षाकर्मियों की बेरहमी से हत्या कर दी थी। तभी से लगातार बाहूबली अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ (Ashraf) की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। बता दें बरेली जिला जेल में बंद अशरफ को वीआईपी ट्रीटमेंट देने के मामले में जिला जेल के दो बंदी रक्षक समेत 8 लोगों को भी जेल भेज दिया गया है और 5 लोगों के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की गई है।
खास बात यह है कि बरेली जिला जेल अधीक्षक राजीव शुक्ला पर भी कार्रवाई हुई है और उनको निलंबित कर दिया गया है। इसी बीच अशरफ का साला सद्दाम का करीबी गुर्गा फरहद जोकि सद्दाम के कहने पर जेल में बंद है अशरफ के लिए खाने पीने का सामान पहुंचता था और सद्दाम के साथ प्रॉपर्टी का काम भी किया करता था और सद्दाम के खाते में पैसों का लेनदेन भी किया करता था। पूरे मामले में जब शिकंजा कसा गया तो थाना इज्जत नगर की पुलिस ने अरशद को गिफ्तार किया, लेकिन अशरफ के गुर्गे को 25 हजार रुपए लेकर थाना इज्जतनगर के पुलिसकर्मियों ने छोड़ा दिया। जांच में दरोगा सचिन शर्मा सिपाही अनिल पाल, शुभम कुमार और अंकित कुमार को एसएसपी ने निलंबित कर दिया और विभागीय जांच भी शुरू कर दी है।
25 हजार लेकर पुलिसकर्मियों ने फरहद को छोड़ा
दरअसल बरेली में उमेश पाल की हत्या कराने का आरोपी और बाहुबली अतीक अहमद का भाई अशरफ जिला जेल में 2 साल से बंद है। अशरफ के साले सद्दाम पर भी अशरफ से गैरकानूनी तरीके से मिलने और अशरफ की जेल में मदद कराने के मामले में मुकदमा दर्ज है। सद्दाम को पकड़ने के लिए बरेली की एसटीएफ और एसआईटी की टीम जमकर दबिश दें रही हैं, लेकिन सद्दाम अभी तक गिरफ्तार नहीं हो पाया है। वहीं इज्जत नगर क्षेत्र के प्रतापपुर जीवन सराय का रहने वाला और सद्दाम क करीबी फरहद को थाना इज्जत नगर के दरोगा सचिन शर्मा और सिपाही अंकित कुमार ने कुछ दिन पहले गिरफ्तार किया था, लेकिन 25 हजार रुपये लेकर उसे छोड़ दिया। इतना ही नहीं दरोगा और सिपाही ने यह भी गारंटी दी कि अब उसे कोई भी पुलिस गिरफ्तार नहीं करेगी।
मगर कुछ ही दिन एसओजी ने फरहद को पकड़ लिया। जिसके बाद पूछताछ में आरोपी ने इज्जत नगर पुलिस के दरोगा और सिपाही की पूरी पोल खोल दी। उसने बताया कि दरोगा और सिपाही ने मेरे से 25 हजार रुपये लेकर छोड़ दिया और उन्होंने गारंटी भी ली कि अब आपको कोई गिरफ्तार नहीं करेगा। जिसके बाद हुई जांच में सिपाही और दरोगा दोषी पाए गए। सिपाही और दरोगा की कार्रवाई के लिए एसपी सिटी ने बरेली के एसएसपी प्रभाकर चौधरी को मामले की रिपोर्ट भेज दी है एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने दरोगा सचिन शर्मा, सिपाही अनिल पाल, शुभम कुमार और अंकित को निलंबित कर दिया है साथ ही विभागीय जांच भी शुरू कर दी है।
खाते में जमा पैसा रंगदारी का तो नहीं!
अशरफ (Ashraf) के साले सद्दाम के खाते में फरहद ने 12 लाख रुपए जमाए कराए थे और इस मामले में एसआईटी ने जांच की तो पता चला कि जमीन की खरीद के लिए यह पैसे जमा कराए गए थे, हालांकि एसआईटी अभी जांच कर रही है कि कहीं यह रंगदारी का तो पैसा नहीं था। इसी वजह से फरहद को गिफ्तार किया था। भाई इस पूरे मामले में बरेली के एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि 25 हजार की रिश्वत लेकर आरोपी को छोड़ने के मामले में एक दरोगा समेत कुछ सिपाहियों को निलंबित कर दिया गया है और विभाग की जांच के आदेश दिए हैं।