नई दिल्ली| कोरोना महामारी रोकने के लिए टीके जल्द आने की उम्मीद से सोने के प्रति निवेशकों का रुझान कम हुआ है। इससे सोने में हाल के दिनों में बड़ी गिरावट दर्ज की गई है। वैश्विक बाजार में भी सोमवार को सोने की कीमत में चार साल की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई।
अमेरिकी सोने के वायदा बाजार में सोमवार को 0.7 फीसदी की गिरावट के साथ 1775.11 डॉलर प्रति औंस रह गई। इस महीने सोने की कीमत में करीब 6 फीसदी की गिरावट आई है। यह नवंबर 2016 के बाद सबसे बड़ी मासिक गिरावट है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में चांदी की कीमतों में भी 2.2 फीसदी की भारी गिरावट आई और यह 22.19 डॉलर प्रति औंस पहुंच गई। इसी तरह प्लेटिनम की कीमत में भी 0.7 फीसदी की गिरावट आई और यह 957.04 डॉलर पर आ गई।
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शुक्रवार को एमसीएक्स पर सोना 0.85 फीसदी की गिरावट के साथ 48106 रुपये प्रति 10 ग्राम के भाव पर बंद हुआ। 7 अगस्त को सोना 56,254 रुपये के अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गया था। इस तरह भारतीय बाजार में सोना अब तक आठ हजार रुपये प्रति दस ग्राम सस्ता हो चुका है। इसी तरह चांदी ने भी 7 अगस्त को अपना उच्चतम स्तर को छू लिया था। उस समय चांदी 76,008 रुपये प्रति किलोग्राम पहुंच गई थी लेकिन शुक्रवार का इसका भाव 59100 रुपये रह गया। इस दौरान चांदी की कीमत में करीब 17,000 रुपये की गिरावट आई।
कोरोना महामारी से निपटने के लिए टीके के मोर्चे पर सकारात्मक खबरों से सोने की कीमतों में गिरावट आ रही है। सर्राफा बाजार के विशेषज्ञों का कहना है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुधार और अमेरिका तथा चीन के बीच तनाव कम होने से निवेशक सोने को छोड़कर शेयरों का रुख कर रहे हैं। यही वजह है कि निकट भविष्य में सोने की कीमतों में भारी उछाल की संभावना नहीं है।
संकट के समय सोना निवेशकों की पहली पंसद हमेशा से रहा है। इसके चलते सोने की कीमत में जबदरस्त तेजी कोरोना संकट के दौरान देखने को मिली है लेकिन अब टीके की खबर से निवेशक एक बार फिर से शेयर की ओर रुख कर रहे हैं। वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुधार की खबर से भी निवेशकों का रुझान फिर से शेयर बाजार की ओर लौट आया है।