नई दिल्ली। मध्य प्रदेश के रायसेन जिले में 64 जेल कैदियों के कोरोनो टेस्ट पॉजिटिव आने पर राज्य सरकार ने जेलर को निलंबित कर दिया है। जेल मंत्री नरोत्म मिश्रा ने इसकी जानकारी दी है। जेलर विनय जंदेलवाल रायसेन जिले के बरेली में उप-जेल में तैनात थे।
गृहमंत्री ने कहा कि जेलर विनय जंदेलवाल को जेल में कोरोनो वायरस फैलाने के लिए जिम्मेदार पाया गया है। मैंने जेल के महानिदेशक को जेलर को तुरंत सेवा से निलंबित करने के लिए कहा है।
मंत्री ने कहा कि 40 मरीजों (जेल कैदियों) को विदिशा मेडिकल कॉलेज में शिफ्ट किया गया है और बाकियों को रायसेन जेल में ही रखा गया है। अब हम ऐसी व्यवस्था कर रहे हैं कि जब किसी भी आरोपी को राज्य भर की किसी भी जेल लाया जाए तो पहले उसका कोविड-19 टेस्ट कराया जाए। तब तक, उसे जेल में क्वारंटाइन करके रखा जाए।
जब शख्स के शरीर में घुस गई 16 इंच लंबी मछली, डॉक्टर्स भी हैरान
रायसेन की पुलिस अधीक्षक मोनिका शुक्ला ने कहा कि तीन जेल गार्डर्स को जिले के अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जेल के एक अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि विशेष रूप से भीड़भाड़ वाले उप-जेल में 40 की क्षमता सेल में लगभग 80 कैदी थे, जिसके चलते सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन नहीं किया जा सकता था और हाल ही में उप-जेल में बंद कैदियों का कोई कोरोना टेस्ट नहीं किया गया था।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अमृत मीणा ने कहा कि चार नए कैदियों को हाल ही में उप-जेल में रखा गया था और उन्होंने ही 64 कैदियों में संक्रमण फैलाया। उन्होंने बताया कि कोरोना पॉजिटिव अधिकांश कैदी पहले से रोगग्रस्त हैं और उन्हें सर्दी और खांसी की समस्या है।
रायसेन जेल की घटना ने राज्य की जेलों में भीड़भाड़ की समस्या को उजागर किया है। मध्य प्रदेश की जेलों में कैदियों की ज्यादा संख्या वाले राज्यों में से एक है। एससीआरबी 2019 के आंकड़ों के अनुसार, एमपी की 131 जेलों में 155 फीसद कैदियों का अतिरिक्त भार था।
पुलिस महानिदेशक (जेल) संजय चौधरी ने कहा कि कोविद-19 के प्रकोप के बाद जेल से भीड़ को कम करने के लिए 9000 जेल कैदियों को पैरोल पर रिहा किया गया है। पैरोल कैदियों को भेजने के बाद भी 28500 की क्षमता वाली जेलों में 36000 कैदी हैं, यानी जेलों की क्षमता से 24 फीसद अधिक।
उन्होंने कहा कि कोविड 19 के प्रकोप के बाद हमने हर जेल के एक बैरक को हर नए कैदी के लिए क्वारंटाइन बैरक बनाया। जेल में आने वाले कैदी को पहले 14 दिनों के लिए क्वारंटाइन किया जाता है और वह पूरा होने के बाद ही उसे जेल के अन्य कैदियों के साथ जाने की अनुमति दी जाती है।
हमने कैदियों के रिश्तेदारों के साथ जेल मुलाकात पर रोक लगा दी है। इतना ही नहीं जेल के कर्मचारियों के लिए तापमान मापने की मशीन और पल्स ओमेसेटर भी उपलब्ध कराया है, लेकिन भीड़भाड़ के कारण छोटी जेल (बरेली में) में संक्रमण फैल गया।
उन्होंने कहा है कि इसके अलावा भीड़भाड़ की समस्या से निपटने के लिए जेल विभाग के मंत्री ने पैरोल की अवधि में 60 दिन और बढ़ाने की घोषणा की है। जेल के पिछले सप्ताह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा था कि अंडर-ट्रायल के कैदियों की पैरोल को 60 दिनों तक और बढ़ाया जाएगा क्योंकि जेलों में कैदियों की संख्या बहुत अधिक है। आने वाले दिनों में राज्य सरकार भीड़भाड़ के मुद्दे को सुलझाने की कोशिश करेगी।