नई दिल्ली। अमेरिका के ह्यूस्टन शहर में स्थित चीनी वाणिज्य दूतावास को आधिकारिक तौर पर शनिवार को चार दशक बाद बंद कर दिया गया है।अमेरिकी एजेंटों ने दूतावास के अंदर घुसकर इसे बंद कराया।
कुछ दिन पहले ही अमेरिका ने ह्यूस्टन में चीनी दूतावास बंद करने का आदेश दिया था। इसके बाद से दोनों देशों में तनातनी चरम पर पहुंच गई है। दोनों देशों के बीच पहले से ही कोरोना वायरस के नियंत्रण को लेकर जुबानी जंग जारी है।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, अमेरिका ने चीन से 72 घंटे के भीतर ह्यूस्टन में अपने वाणिज्य दूतावास को बंद करने के लिए कहा था। अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पॉम्पियों ने आरोप लगाया था कि यह जासूसी और बौद्धिक संपदा की चोरी का एक केंद्र है। शीर्ष अमेरिकी अधिकारियों ने वाणिज्य दूतावास पर अमेरिका में बीजिंग के जासूसी अभियानों का हिस्सा होने का भी आरोप लगाया था।
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जैसे को तैसा करते हुए चीन ने भी चेंगदू में स्थित अमेरिकी दूतावास को बंद करने का आदेश दिया है। दूतावास को बंद करने का आदेश देते समय, चीन ने अमेरिका पर अपने आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने और राष्ट्रीय सुरक्षा के हितों को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया है।
ट्रंप प्रशासन द्वारा तय की गई समय सीमा समाप्त होने से एक घंटे से भी पहले वाणिज्य दूतावास पर लगे चीनी झंडे और सील को हटा लिया गया। अमेरिकी अधिकारियों ने इमारत पर कब्जा कर लिया। सुबह-सुबह, वाणिज्य दूतावास के कर्मचारी इमारत से अपना सामान हटाते देखे गए।
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वहीं लगभग 30 प्रदर्शनकारियों को बैनर के साथ वाणिज्य दूतावास के बाहर जश्न मनाते देखा गया। दूतावास को बंद करने के लिए दी गई समय सीमा के खत्म होने से पहले ह्यूस्टन पुलिस ने बैरिकेड्स लगा दिए और चार दशकों से चीन सरकार के कब्जे वाली इमारत के पास की सड़कों को बंद कर दिया।