• About us
  • Privacy Policy
  • Disclaimer
  • Terms & Conditions
  • Contact
24 Ghante Latest Hindi News
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
No Result
View All Result

Pitru Paksha 2020: जानें पितृ पक्ष की यह पौराणिक कथा

Desk by Desk
28/08/2020
in Main Slider, ख़ास खबर, धर्म, फैशन/शैली
0
Pitru Paksha

पितृ पक्ष

14
SHARES
176
VIEWS
Share on FacebookShare on TwitterShare on Whatsapp

धर्म डेस्क। ऐसी मान्यता है कि पितृपक्ष के दिनों में हमारे पूर्वज जिनका देहान्त हो चुता है वो सभी सूक्ष्म रूप में पृथ्वी पर आते हैं। ये सभी अपने जीवित परिजनों के तर्पण को स्वीकार करते हैं। इस दौरान पितरों के लिए पिंडदान किया जाता है। लोग अपने पितरों के लिए श्रद्धा और प्रेम से श्राद्ध करते हैं।

इन दिनों में पिंडदान, तर्पण, हवन और अन्न दान मुख्य रूप से किए जाते हैं। ये दिन पितरों को समर्पित होते हैं। श्रद्धा से किया गया कर्म श्राद्ध कहलाता है। भाद्रपद की पूर्णिमा से अश्विन कृष्ण की अमावस्या तक कुल 16 दिन तक श्राद्ध रहते हैं। इन 16 दिनों के लिए हमारे पितृ सूक्ष्म रूप में हमारे घर में विराजमान होते हैं। आइए ज्योतिषाचार्य पं. दयानन्द शास्त्री से जानते हैं कि पितृ पक्ष की शुरुआत आखिर कैसे हुई।

जब महाभारत के युद्ध में दानवीर कर्ण की मृत्यु हो गई थी तो इनकी आत्मा निकलकर स्वर्ग पहुंच गई थी। वहां पर कर्ण को नियमित भोजन के बजाय सोना और गहने खाने के लिए दिए गए। कर्ण इस बात से निराश थे। उन्होंने इंद्र देव से इसका कारण पूछा। तब इंद्र ने कर्ण को बताया कि आपने अपने पूरे जीवन में दूसरों को सोने के आभूषण दान किए हैं।

लेकिन उन्हें कभी पूर्वजों को नहीं दिया। कर्ण ने उत्तर दिया कि वह अपने पूर्वजों के बारे में कुछ नहीं जानता है। कर्ण की बात सुनने के बाद भगवान इंद्र ने उसे 15 दिनों की अवधि के लिए पृथ्वी पर वापस जाने की अनुमति दी जिससे वो अपने पूर्वजों को भोजन दान कर पाए। यही 15 दिन पितृ पक्ष के रूप में जाने जाते हैं।

पितृपक्ष में सभी शुभ कार्य करने चाहिए। श्राद्ध के समय नए आभूषण, भवन, वाहन या ऐसी अन्य वस्तुओं या चीजों की खरीददारी अवश्य करनी चाहिए। पितृ यह देखकर प्रसन्न होते हैं कि उनकी भावी पीढ़ी कितनी उन्नति कर रही है।

Tags: Lifestyle and Relationshippitru pakshaPitru Paksha 2020pitru paksha 2020 datePitru Paksha SharadhSharadhSharadh 2020Shraddha KarmaShraddha Karma VidhiShraddha MantraSignificance Of Shraddha KarmaWhole Process Of Shraddha Karma
Previous Post

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा पार्टी में एकजुट होकर कार्य करना हम सभी का कर्तव्य

Next Post

सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा हिंदुत्व की विचारधारा से बीजेपी का वोट प्रतिशत बढ़ा

Desk

Desk

Related Posts

CM Yogi visited Shri Kashi Vishwanath and Kaal Bhairav.
Main Slider

सीएम योगी ने श्रीकाशी विश्वनाथ और काल भैरव के किए दर्शन, सतुआ बाबा आश्रम में संतों से की भेंट

06/11/2025
Bihar Elections
Main Slider

Bihar Elections: सुबह 11 बजे तक 27.65 फीसदी मतदान, सीएम नीतीश ने डाला वोट

06/11/2025
Deadly attack on NDA candidate Jyoti Manjhi
Main Slider

एनडीए प्रत्याशी ज्योति मांझी पर जानलेवा हमला, RJD के समर्थकों पर लगा आरोप

06/11/2025
Gujarati Kadhi
खाना-खजाना

आज खाने में लगाएं गुजराती तड़का, बनाएं ये स्पेशल डिश

06/11/2025
Tawa Paneer
खाना-खजाना

आज बनाएं चटपटा मसालेदार तवा पनीर, सब करेगा तारीफ

06/11/2025
Next Post
Subramanian Swamy

सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा हिंदुत्व की विचारधारा से बीजेपी का वोट प्रतिशत बढ़ा

यह भी पढ़ें

cm dhami

सहकारिता को प्राकृतिक कृषि से जोड़े: सीएम धामी

23/12/2022
Akhilesh Yadav

अखिलेश यादव का आज से दो दिवसीय प्रतापगढ़ दौरा

04/10/2023

शेयर बाजारों में तेजी जारी, सेंसेक्स करीब 500 अंक उछला, निफ्टी में भी तेजी

21/07/2020
Facebook Twitter Youtube

© 2022 24घंटेऑनलाइन

  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म

© 2022 24घंटेऑनलाइन

Go to mobile version