लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) के सबसे बड़े भू माफिया दिलीप सिंह बाफिला पर एफआईआर दर्ज की गई है। दिलीप सिंह बाफिला पर एलडीए की जमीन की फाइलें गायब कराने का आरोप है, जिसकी कीमत सौ करोड़ रुपये से भी ज्यादा है।
एलडीए के अफसरों ने भी इस बात को माना है कि बाफिला खुद ही एलडीए में बैठ कर फर्जीवाड़ा करता रहा है।
दिलीप सिंह बाफिला पर जालसाजी समेत कई धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई है। एलडीए के अर्जन विभाग के तहसीलदार मोहम्मद असलम ने शनिवार को दिलीप सिंह बाफिला पर कई धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया है। तहरीर में अनुभाग अधिकारी व कुछ कर्मियों की मिलीभगत से अनुचित लाभ देने की बात भी मुकदमे में दर्ज की गई है।
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एलडीए वीसी और डीएम अभिषेक प्रकाश ने शनिवार को मौके पर पहुंचकर जांच पड़ताल की और वहां से पांच कर्मियों को गिरफ्तार कर उन्हें गोमती नगर पुलिस थाने भेज दिया। विहित प्राधिकारी डीके सिंह ने नायाब तहसीलदार स्निग्धता चतुर्वेदी का वेतन रोकने के निर्देश दिए हैं।
डीएम ने शनिवार दोपहर एलडीए के सभी गेट बंद करवाकर छापेमारी की। इस दौरान वहां सभी कर्मचारी भी अनुपस्थित दिखे। डीएम अभिषेक प्रकाश ने अनुभाग अधिकारी आनंद मिश्रा और अमीन सत्येंद्र सिंह को निलंबित कर दिया है।
डीएम को अर्जन विभाग से काफी सारी शिकायतें मिली थीं। इसके अलावा प्रॉपर्टी को दूसरे के नाम से चढ़ाए जाने की भी चर्चा है। तहसीलदार मोहम्मद असलम शनिवार रात थाना पहुंचे और इस मामले में शिकायत दर्ज करवाई।