मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बृहस्पतिवार को कहा कि संविधान में हर नागरिक को दिए गए अधिकार तभी सुरक्षित हो सकते हैं, जब समाज अपने कर्तव्यों के प्रति सचेत होकर उनका निर्वहन करे।
मुख्यमंत्री ने संविधान दिवस के अवसर पर यहां आयोजित एक समारोह में कहा कि हममें से हर व्यक्ति अधिकारों की बात तो करता है लेकिन कर्तव्यों से हम पीछे भागने का प्रयास करते हैं। भारत के संविधान ने हर नागरिक के लिए जहां मूलभूत अधिकार दिए हैं, वहीं कुछ बुनियादी कर्तव्य भी सुनिश्चित किए हैं और संविधान दिवस का मूल उद्देश्य भारत के उन संविधान प्रदत्त मूलभूत कर्तव्यों के प्रति हर नागरिक को जागरूक करना भी है।
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योगी ने कहा कि ये कर्तव्य हर हालात में किसी नागरिक के लिए उतने ही महत्वपूर्ण हैं, जितना कि हमारा व्यक्तिगत जीवन और पारिवारिक जीवन है। एक भारत श्रेष्ठ भारत हमें अपने मौलिक अधिकारों के प्रति सजग करता है। अधिकार तभी अनुरक्षित हो सकते हैं जब समाज अपने मूल कर्तव्यों के प्रति सचेत होकर उनका निर्वहन करे।
हमारा संविधान सम-विषम परिस्थितियों में देश को एकजुट होकर ले चलने की प्रेरणा प्रदान करता है। हर विपरीत से विपरीत हालात में भी संविधान ने जाति, मत, संप्रदाय, भाषाओं और खानपान की बहुलता होने के बावजूद एक भारत श्रेष्ठ भारत की परिकल्पना को साकार किया, यह सबसे बड़ी विशेषता रही है।