• About us
  • Privacy Policy
  • Disclaimer
  • Terms & Conditions
  • Contact
24 Ghante Latest Hindi News
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
No Result
View All Result

बाल देखभाल संस्थाओं के बच्चों को 2-2 हजार रुपये देंगी राज्य सरकारें

Desk by Desk
15/12/2020
in ख़ास खबर, शिक्षा
0
5 judges of supreme court corona positive

5 judges of supreme court corona positive

14
SHARES
176
VIEWS
Share on FacebookShare on TwitterShare on Whatsapp

नई दिल्ली| सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्य सरकारों को निर्देश दिया है कि वह उन सभी बच्चों की शिक्षा के लिए हर माह 2-2 हजार रुपये मुहैया कराए जो पहले बाल देखभाल संस्थाओं (सीसीई- चाइल्ड केयर इंस्टीट्यूशन) में रह रहे थे लेकिन बाद कोविड-19 महामारी के चलते उन्हें वापस घर भेज दिया गया है।

शीर्ष अदालत ने राज्य सरकारों से कहा कि वह बच्चों को किताबें, स्टेशनरी का सामान जैसी जरूरी चीजें मुहैया कराएं। राज्य सरकारें जिला बाल संरक्षण इकाइयों की सिफारिश के आधार पर 30 दिनों के भीतर सीसीआई के लिए बच्चों की ऑनलाइन कक्षाओं का प्रबंध करे।

जस्टिस एल नागेश्वर राव की अध्यक्षता में पीठ ने कहा कि राज्य यह सुनिश्चित करें कि सीसीआई में बच्चों को पढ़ाने के लिए आवश्यक संख्या में शिक्षक मौजूद हों।

राजस्थान फार्मासिस्ट भर्ती 2018 परीक्षा निरस्त

कोर्ट को यह बताया गया था कि कोविड-19 महामारी की शुरुआत में सीसीआई में 2,27,518 बच्चे थे, इनमें से  1,45,788 को वापस अपने परिवारों के पास भेज दिया गया था।

कोर्ट ने बाल संरक्षण इकाइयों को भी निर्देश दिया कि वह जिला कानूनी सेवा प्राधिकरण को सीसीआई में बच्चों को मिल रही सुविधाओं की स्थिति और उसमें प्रगति की रिपोर्ट दे।

पीठ ने कहा कि राज्य सरकारें दो हजार रूपए प्रति माह प्रत्येक बच्चे की शिक्षा के लिये देंगी और यह धनराशि बच्चे के परिवार की आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए जिला बाल संरक्षण इकाई की सिफारिश पर दी जायेगी। परिवारों को सौंपे गये बच्चों को शिक्षा प्रदान करने की आवश्यकता पर जोर देते हुये पीठ ने जिला बाल संरक्षण इकाईयों को निर्देश दिया कि वे इस मामले में समन्वय करें और इसमें प्रगति की निगरानी करें।

शीर्ष अदालत ने कहा कि शिक्षकों को इन बच्चों को पढ़ाने की अनुमति दी जानी चाहिए क्योंकि महामारी की वजह से मार्च से ही सामान्य जीवन प्रभावित हुआ है और बच्चों को कक्षा में आने का मौका नहीं मिला है।

Tags: CCIchild care institutioneducation of childrenSupreme Courtबाल देखभाल संस्थानसीसीआईसुप्रीम कोर्ट
Previous Post

राजस्थान फार्मासिस्ट भर्ती 2018 परीक्षा निरस्त

Next Post

डीएलएड 2020-22 कोर्स के लिए शिक्षा विभाग ने बदला नियम

Desk

Desk

Related Posts

crop top
Main Slider

इस टॉप को पहनते समय इन बातों का रखें ध्यान

28/06/2025
Fights
ख़ास खबर

घर के क्लेश होंगे खत्म, जब इन बातों का रखेंगे ख्याल

25/06/2025
CM Yogi
उत्तर प्रदेश

किसी भी विद्यार्थी की आर्थिक स्थिति पढ़ाई में बाधा न बने : मुख्यमंत्री

21/06/2025
UP B.Ed result declared
Main Slider

यूपी बीएड जेईई परीक्षा का रिजल्ट घोषित, सूरज पटेल बने टॉपर

17/06/2025
UP Police Recruitment
Main Slider

पुलिस भर्ती परीक्षा: बायोमैट्रिक वेरिफिकेशन के बाद ही अभ्यर्थियों को परीक्षा केंद्र में मिली थी एंट्री

14/06/2025
Next Post
bihar board

डीएलएड 2020-22 कोर्स के लिए शिक्षा विभाग ने बदला नियम

यह भी पढ़ें

UPSWAN 3.0

विकसित कृषि संकल्प अभियान के जरिए “लैब टू लैंड” नारे को साकार करने में नजीर बनाएगी योगी सरकार

30/05/2025
Corona

यहां मिला कोरोना का नया वेरिएंट, सर्दियों में मचा सकता है आतंक

06/08/2023
International Bird Festival

200 प्रजाति के पक्षियों का महाकुम्भ देखिए, फोटो खींचिए, 21 लाख तक के पुरस्कार देगी योगी सरकार

07/02/2025
Facebook Twitter Youtube

© 2022 24घंटेऑनलाइन

  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म

© 2022 24घंटेऑनलाइन

Go to mobile version