केरल। तिरुवनंपुरम की एक सीबीआई अदालत ने 21 वर्षीय सिस्टर अभया की हत्या के सिलसिले में अपना फैसला सुना दिया है। इस मामले में कैथोलिक पादरी और एक नन को मंगलवार को दोषी पाया। सजा की अवधि पर अभी फैसला नहीं आया है। सूत्रों के मुताबिक इसका फैसला बुधवार को सुनाया जाएगा। अदालत ने कहा कि फादर थॉमस कोट्टूर और सिस्टर सेफी के खिलाफ हत्या के आरोप साबित होते हैं। दोनों न्यायिक हिरासत में हैं। इस मामले में अन्य आरोपी फादर फूथराकयाल को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया है।
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युवा नन के सेंट पियूस कॉन्वेंट के कुएं से मृत मिलने के 28 साल बाद अदालत का फैसला आया है। सीबीआई ने 2008 में मामले की जांच अपने हाथ में ली। इस मामले में सुनवाई पिछले साल 26 अगस्त को शुरू हुई और कई गवाह मुकर गए। अभियोजन के मुताबिक, अभया पर कुल्हाड़ी के हत्थे से हमला किया गया था क्योंकि वह कुछ अनैतिक गतिविधियों की गवाह थी जिसमें तीनों आरोपी शामिल थे वह कॉन्वेंट में रहती थी।
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अभया के माता-पिता की कुछ साल पहले मौत हो गई थी। वे अपनी बेटी को इंसाफ दिलाने के इंतजार में ही गुजर गए। पहले स्थानीय पुलिस और फिर अपराध शाखा ने मामले की जांच की और कहा कि यह खुदकुशी का मामला है। उनका शव 1992 में कोट्टायम के एक कॉन्वेंट के कुएं में मिला था। विशेष सीबीआई अदालत के न्यायाधीश जे सनल कुमार ने इस मामले में फैसला सुनाया है।