मुंबई। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के अध्यक्ष शरद पवार से मंगलवार को संयुक्त किसान मोर्चा के महाराष्ट्र से जुड़े किसान नेताओं ने मुलाकात की है। ये किसान नेता सिंघु बॉर्डर और पलवल पर प्रदर्शन में शामिल हैं। सरकार के साथ वार्ता में भी हिस्सा ले चुके हैं। किसान नेताओ के मुताबिक, पवार ने किसान नेताओं ने कहा कि अगर 30 तारीख तक हल नहीं निकाला तो तमाम विपक्ष की पार्टियों के साथ बैठक कर किसानों के पक्ष में खड़े रहेंगे।
प्रेम विवाह करने वाले पर एक माह में दो बार हुआ जानलेवा हमला
किसानों और केंद्र सरकार के बीच 7वें दौर की बातचीत बुधवार को यानि 30 दिसंबर को तय हुई है। मंगलवार को केंद्र सरकार ने किसानों की चिट्ठी का जवाब दिया, जिसमें बुधवार दोपहर 2 बजे विज्ञान भवन में किसानों को चर्चा के लिए बुलाया गया है। इससे पहले गृहमंत्री अमित शाह और पीयूष गोयल के बीच एक बैठक हुई। सरकार के न्यौते के किसानों ने सहमति जता दी है। इससे पहले किसान नेताओँ ने 29 दिसंबर को चर्चा का प्रस्ताव भेजा था, जिसे केंद्र सरकार ने 30 दिसंबर कर दिया है।
सुपरस्टार रजनीकांत नहीं करेंगे राजनीति में एंट्री, पार्टी नहीं बनाने का किया ऐलान
केंद्र सरकार किसान आंदोलन को लेकर जवाबी रणनीति पर जोरशोर से जुटी है। 25 किसान संगठनों के प्रतिनिधियों ने कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मुलाकात की और नए कृषि कानूनों पर अपना समर्थन जताया है। मोदी सरकार इसके जरिए ये संदेश देने की कोशिश कर रही है कि नए कानूनों पर उसे देशभर के किसानों का समर्थन हासिल है। चंद राज्यों के किसान संगठन ही राजनीतिक शह पर विरोध कर रहे हैं।
आंकलन वर्ष 2020-21 के लिए 13 लाख से अधिक लोगों ने आयकर रिटर्न भरा
सरकार का प्रस्ताव मिलने पर किसानों ने साफ कहा है कि वो कानून वापस लेने और स्वामीनाथन रिपोर्ट पर ही चर्चा करेंगे। बता दें कि 26 दिसंबर को किसानों ने सरकार को 4 शर्तों पर बातचीत का प्रस्ताव भेजा था, जिसमें पहली शर्त यही है कि तीनों कृषि कानून खारिज करने की प्रक्रिया पर सबसे पहले बात हो। अपनी मांगों के साथ किसान 34वें दिन भी दिल्ली के बॉर्डर पर डटे हैं।