लखनऊ। राजधानी के राजाजीपुरम एमआइएस चौराहे पर 15 दिसंबर को दो पक्षों में चलीं ताबड़तोड़ गोलियों के मामले में पुलिस न तो अब तक आरोपितों की गिरफ्तार कर पाई है और न ही फायरिंग होने का कारण पता कर पायी है। मामले में गहन पड़ताल के लिए अब एसटीएफ को भी लागाया गया है।
एसीपी बाजारखाला अनूप कुमार सिंह का इस घटना के बारे में कहना है कि मामले में प्रापर्टी और रंजिश समेत कई बिंदुओं पर जांच की जा रही है। पुलिस को सीसी कैमरे से भी कई अहम सुराग मिले हैं। उन्होंने बताया कि घटना के समय मौके पर मौजूद लोग बयान देने से भी कतरा रहे हैं। हालांकि पुलिस को गोलीकांड में कई अहम सुराग मिले हैं। इसके साथ ही एसटीएफ को भी घटना की जांच में लगा गया है। जल्द ही आरोपितों की गिरफ्तारी कर घटना का खुलासा किया जाएगा।
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उधर, इंस्पेक्टर ताल कटोरा ने बताया कि वादी मुकदमा रंजीत यादव अपने साथी के साथ एमआइएस चौराहे पर स्थित एक जूस की दुकान पर खड़े थे। उनका कहना है कि इस बीच स्कूटी सवार दो युवक पहुंचे और उन पर फायरिंग कर दी। बचाव में उन्होंने अपने साथी सत्यम पांडेय की पिस्टल से फायरिंग की। रंजीत यादव की एक्सयूवी गाड़ी में विधायक लिखा था और फर्जी पास लगा था। इस पर गाड़ी का चालान किया गया था।
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उन्होंने बताया कि मई 2018 में विकास चतुर्वेदी की मां सरिता ने रंजीत यादव, सत्यम पांडेय, राजा, अनुज दीक्षित के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। सरिता ने आरोप लगाया था कि रंजीत और उसके उक्त साथियों ने उनके बेटे को जमकर पीटा और फिर उस पर फायर किया था। इस बिंदु पर भी गहनता से पड़ताल की जा रही है।