हिंदू धर्म में मासिक दुर्गा अष्टमी को बहुत महत्वपूर्ण माना गया है। हर महीने की शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मासिक दुर्गा अष्टमी मनाई जाती है। मान्यता है कि, इस दिन व्रत रखकर मां दुर्गा की सच्चे मन से आराधना करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं। इस बार मासिक दुर्गा अष्टमी 22 मार्च को पड़ रही है। आइए जानते हैं मासिक दुर्गा अष्टमी का महत्व और पूजा-विधि।
मासिक दुर्गा अष्टमी का महत्व
ये दिन मां भगवती को समर्पित होता है और कुछ लोग इस दिन व्रत भी रखते हैं। मान्यता है कि, इस दिन जो भी भक्त पूरी श्रद्धा भावना से मां भगवती का व्रत करते हैं उनके सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। दुर्गाष्टमी के दिन मां दुर्गा के काली, भवानी, जगदंबा, नवदुर्गा आदि स्वरूपों की पूजा की जाती है। हर महीने आने वाली मासिक दुर्गाष्टमी का एक अलग ही महत्व होता है। दुर्गाष्टमी का पर्व हर माह मनाया जाता हैं इसलिए इसे मासिक दुर्गाष्टमी कहा जाता हैं।
मासिक दुर्गा अष्टमी पूजन-विधि
इस दिन सुबह स्नान करने के बाद स्वच्छ कपड़े धारण कर व्रत का संकल्प लें।
पूजा के दौरान हाथों में लाल पुष्प लेकर मां दुर्गा की प्रतिमा को अर्पित करना चाहिए।
इसके बाद कपूर, दीया, धूपबत्ती प्रज्वलित कर और आरती के साथ माता दुर्गा की पूजा करनी चाहिए।
मां दुर्गा को शहद, दही, घी, गंगाजल और दूध से बना पंचामृत अर्पित करना चाहिए।
इसके अलावा पांच फल व किशमिश, सुपारी, पान, लौंग, इलायची आदि अर्पित करने चाहिए।
धूप और दीपक जलाकर दुर्गा चालीसा का पाठ करें।
इस दिन नौ छोटी कन्याओं को भोजन कराना सबसे महत्वपूर्ण माना गया है।
अंत में दोनों हाथ जोड़कर देवी से प्रार्थना करें एवं मनचाहा फल मांगें।