उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा विभाग ने स्कूली शिक्षा की प्रगति के संबंध में पहला ग्रेड हासिल किया है। भारत सरकार द्वारा जारी परफॉर्मेंस ग्रेडिंग इन्डेक्स में उप्र को यह उपलब्धि वर्ष 2019-20 के लिए मिली है।
देश में स्कूली शिक्षा की प्रगति के आकलन के लिए भारत सरकार द्वारा परफॉर्मेंस ग्रेडिंग इन्डेक्स लागू किया गया है। इस इन्डेक्स में वर्ष 2017-18 में उप्र की रैंकिंग रेड श्रेणी में थी। वहीं वर्ष 2018-19 में प्रदेश को तीसरा ग्रेड यानि येलो श्रेणी में पाया गया था। लेकिन योगी सरकार द्वारा प्राथमिक शिक्षा के क्षेत्र में किए गए सुधारों के बाद उप्र में वर्ष 2019-20 में प्रथम ग्रेड यानि ग्रीन श्रेणी मिली है।
राज्य सरकार के एक प्रवक्ता का कहना है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और बेसिक शिक्षा मंत्री डॉ सतीश द्विवेदी के मार्गदर्शन में राज्य की स्कूली शिक्षा में काफी सुधार किया गया, जिसका नतीजा रहा कि प्रदेश का स्कोर जो वर्ष 2017-18 में 603 रहा वह वर्ष 2019-20 में बढ़कर 804 हो गया।
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प्रवक्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी द्वारा जून 2018 में आपरेशन कायाकल्प की शुरुआत की गई, जिसके तहत प्रदेश के बेसिक विद्यालयों की अवस्थापना सुविधाओं में अभूतपूर्व सुधार हुआ। इसके बाद सितम्बर 2019 में मिशन प्रेरणा का शुभारम्भ हुआ और दिव्यांग बच्चों के लिए ‘समर्थ’कार्यक्रम समेत कई और सुधार किए गए।
उन्होंने बताया कि भारत सरकार द्वारा जारी परफॉर्मेंस ग्रेडिंग इन्डेक्स में उप्र के अलावा आंध्र प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, उड़ीसा, त्रिपुरा, पश्चिम बंगाल और दमन व दीव राज्यों ने भी पहला ग्रेड हासिल किया है।