रामपुर(मुजाहिद खान)। सामान्य विधानसभा निर्वाचन 2022 (up election 2022) के दूसरे चरण में रामपुर में भी 14 फरवरी को मतदान होना है, जिसके चलते शनिवार शाम 5 बजे तक प्रचार का समय था। सपा के क़द्दावर नेता सांसद मोहम्मद आज़म खान (Azam Khan) भले ही लगभग दो साल से सीतापुर जेल में बंद हैं लेकिन आज़म खान का गढ़ कहे जाने वाले रामपुर में आज़म खान का सियासत में दबदबा क़ायम है।
जिसकी एक झलक शुक्रवार को सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) की रामपुर में विजय यात्रा और जनसभाओं में देखने को मिली। फिलहाल चुनाव की कमान छोटे आज़म (Abdullah Azam) सम्भाले हुए हैं। जिसको लेकर सपाइयों और समर्थको में तो ख़ुशी है ही साथ में युवा वर्ग का बहुत बड़ा समर्थन हासिल है और युवाओं में भरपूर जोश है।
वहीं चुनाव प्रचार के आखिरी दिन अब्दुल्लाह आज़म (Abdullah Azam) ने अपने विधानसभा क्षेत्र स्वार-टाण्डा में जनसभा की और जनसपंर्क किया उसके बाद अपने पिता मोहम्मद आज़म खान के 37, शहर विधानसभा क्षेत्र के पान दरीबे में चुनाव प्रचार खत्म होने के आखिरी दिन जनसभा की।
जनसभा में अब्दुल्लाह आज़म (Abdullah Azam) ने कहा कि दिल एक ऐसे इंसान को याद करता है, एक ऐसा नाम जिसकी पूरी ज़िन्दगी की जद्दोजहद, कोशिशें, मेहनत यह साबित करने में लग गई कि एक ऐसा रामपुर जो चाक़ू के नाम से जाना जाता था आँख खुलती थी तो कोई घटना सुनने को मिलती थी। उस रामपुर को बनाना जिसे उत्तर प्रदेश में ही नहीं बल्कि पूरे देश में एक मिसाली शहर कहा जाता हो वो शख्स जिसने तमाम कोशिशें की आज हमारे बीच नहीं है वो तीन सौ किलोमीटर दूर 8 बाई 8 की कोठरी में बैठा है।
मेरी सुरक्षा नहीं रेकी की जा रही है : अब्दुल्लाह आजम
इसके साथ ही अब्दुल्लाह आज़म (Abdullah Azam) ने रामपुर के इतिहास और नवाबो की गुलामी का ज़िक्र करते हुए कहा कि यह इसलिए आपके सामने रख रहा हूँ क्योंकि जो लोग अपना गुज़रा हुआ कल भूल जाते हैं वो आने वाले कल में वही गलतियां करते हैं जो उन्होंने अपने माज़ी में की थी। बहुत साजिशें हैं आप के खिलाफ बहुत मंसूबे है। बहुत से लोग इस इंतजार में हैं कि कब उन्हें मौका मिले और वो रामपुर को बर्बाद कर दे।
रामपुर वालों सात समंदर पार से तुम्हारी मदद करने कोई नहीं आएगा
गवाह हो आप इसी आरपीएस के 8 साल के बच्चों को अधिकारियों ने स्कूल से सरो पर बैग और कुर्सियां रखकर चलवाया था गवाह हो आप कि यह खता थी आजम खां कि इस खंडहर पड़ी बिल्डिंग को एक स्कूल बना दिया यह खता थी और आज 8 बाई 8 की कोठरी में पड़ा है यह है सजा आपके लिए कलम मांगने की। सोचो अपने बारे में याद करो अपने नेता का वो जुमला मुझे याद है कि कहा था कि रामपुर वालों तुम अपने बारे में नहीं सोचोगे तो सात समंदर पार से तुम्हारी मदद करने कोई नहीं आएगा।
आवाम के दिल में रहते हैं आजम खान, जनता लड़ती है उनका चुनाव : अब्दुल्लाह आज़म
अगर आप अपने बारे में अपने बच्चों के बारे में उनके मुस्तकबिल के बारे में नहीं सोचोगे तो सात समुंदर पार से मदद करने वाला कोई नहीं आने वाला। कैसे भूल जाओगे वो जुल्म और पुलिस की ज्यादती, कैसे भूलोगे एनआरसी के जुल्म और ज्यादती। कौन करवाते थे। पूरे शहर को मुलजिम बनवा दिया सिर्फ अपने मफाद के लिए चाहे पूरा शहर बर्बाद हो जाए।
दुश्मन इस इंतजार में बैठा है कि रामपुर के लोग जरा सी चूक कर दें और उन्हें मौक़ा मिले
हैरतजदा हूं इस बात से कि जो आपके और आपके बच्चों के मुस्तकबिल के दुश्मन हैं उन्हें आप अपने घरों और गलियों में घुसने कैसे दे रहे हैं। ऐलान करके मना कर दो इन्हें कि आप ज़िम्मेदार हो हमारे और हमारी बर्बादी के मना कर दो। चार लोगो पर जीप चढ़ाने वाला चार महीने में बेल पर बाहर आ गया और एक यूनिवर्सिटी बनाने वाला दो साल से जेल में है। अपने गुरुर अपने वकार को बचाने का वक्त है।
शादी के निमंत्रण पत्र पर की आज़म खान और अब्दुल्लाह की रिहाई की मांग
दुश्मन इस इंतजार में बैठा है कि रामपुर के लोग जरा सी चूक कर दें और उन्हें मौक़ा मिले। क्या कर लेगा कोई यह रामपुर की पुलिस है गुब्बारे फोड़ती फिर रही है आजकल कोई काम नहीं है इन्हें सारे चोरों से कह दिया तुम चोरी करो हम गुब्बारे फोड़ रहे हैं बड़ी बहादुरी का काम किया है आठ लोगों को उठाकर।
आपका मुकाबला ऐसी सरकार से है जो अब गुब्बारे फोड़ती फिर रही है: अब्दुल्लाह आज़म
कहा कि हर बाप चाहता है उसका बेटा ज्यादा कामयाब हो लेकिन आपसे कह रहा हूं एक बाप को उसके बेटे से ज्यादा वोट मिलें। कहा यह भी एक सच है कि आप की इस शान को बचाने के लिए और आपकी इस इज़्ज़त को कायम रखने के लिए न तो कभी कल कोई बेईमानी आई थी न आज कोई बेईमानी है।
‘अदालत के फैसले पर जिन्होंने मिठाई बाँटी है उसकी मिठास ज्यादा दिन नहीं चलेगी’- अब्दुल्लाह आजम
अपना वोट डालना इससे कोई नहीं रोक सकता। आपका मुकाबला ऐसी सरकार से है जो अब गुब्बारे फोड़ती फिर रही है। गुब्बारा जब फूटता है कितना सा बचता है 10 मार्च को भी इतना सा ही बचेगा।