श्रीनगर। केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर सरकार द्वारा कश्मीरी पंडित (Kashmiri Pandits) शिक्षकों और अन्य विभागों के कर्मचारियों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करने के फैसले के बाद शनिवार को केंद्र शासित प्रदेश में बड़ा विवाद पैदा हो गया।
घाटी में लक्षित हत्याओं में वृद्धि के मद्देनजर, सरकार ने कश्मीरी पंडितों के स्थानांतरण संबंधित जानकारी विभिन्न सरकारी वेबसाइटों पर अपलोड की।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा कश्मीर की स्थिति पर नयी दिल्ली में कई बैठकें करने के एक दिन बाद स्थानांतरण का यह आदेश जारी किए गए।
इस फैसले के बाद, कश्मीरी पंडितों ने सरकार पर नई जगह पर स्थानांतरण की जानकारी को सार्वजनिक करने का आरोप लगाया, जो उनकी सुरक्षा के लिए हानिकारक हो सकता है।
एक कश्मीरी पंडित ने कहा,“हम कश्मीर से बाहर स्थानांतरण चाहते हैं, लेकिन यह दुखद है कि सरकार ने स्थानांतरण की सूची सार्वजनिक कर दी है। क्या यह गंभीर चूक नहीं है?”
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कश्मीरी पंडितों की तबादला सूची को सोशल मीडिया पर अपलोड करने को सुरक्षा में बड़ी चूक बताया।
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भाजपा जम्मू कश्मीर के प्रवक्ता अल्ताफ ठाकुर ने कहा कि सोशल मीडिया पर तबादलों की सूची को सार्वजनिक करना सुरक्षा में एक बड़ा उल्लंघन है क्योंकि आतंकवादियों को इस बात का स्पष्ट अंदाजा हो जाएगा कि कौन कहां तैनात है।
श्री ठाकुर ने यहां जारी एक बयान में कहा कि कश्मीरी पंडितों के कर्मचारियों की नयी तबादला सूची सार्वजनिक होना आश्चर्यजनक है। उन्होंने कहा कि सरकार को इस चूक पर कड़ा संज्ञान लेना चाहिए और पता लगाना चाहिए कि ऐसे समय में कश्मीरी पंडितों की स्थानांतरण सूची कौन सार्वजनिक कर रहा है, जब घाटी में लक्षित हत्याएं हो रही है।
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उन्होंने कहा कि इस कृत्य में शामिल अधिकारियों को फटकार लगाई जानी चाहिए और उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार कश्मीरी पंडितों की सुरक्षा के लिए गंभीर कदम उठा रही है, लेकिन कुछ अधिकारी इस काम को बिगाड़ रहे हैं। उन्होंने अधिकारियों से आग्रह किया कि वे संवेदनशील क्षेत्रों के कश्मीरी पंडितों की तबादलों की सूची को सार्वजनिक न करें।