केंद्र सरकार ने देशवासियों को नए साल का तोहफा दिया है. सरकार ने NSC, पोस्ट ऑफिस टर्म डिपॉजिट (Post Office Term Deposits) सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम (Senior Citizen Savings) पर मिलने वाले ब्याज दरों में बढ़ोतरी का ऐलान किया है. हालांकि, पीपीएफ की ब्याज दरों में किसी भी तरह का बदलाव नहीं किया गया है. नई ब्याज दरें एक जनवरी से लागू हो जाएंगी.
वित्त मंत्रालय के नोटिफिकेशन के अनुसार, जनवरी से मार्च की तिमाही के लिए कुछ सेविंग स्कीम (Savings Scheme) पर ब्याज दरों में 0.20 से 1.10 फीसदी तक की बढ़ोतरी की गई है.
पीपीएफ की दर में कोई बदलाव नहीं
पब्लिक प्रोविडेंट फंड स्कीम के ब्याज दर में कोई बदलाव नहीं हुआ है. यह दिसंबर तिमाही की तरह मार्च तिमाही में भी 7.1% के लेवल पर बरकरार है. किसान विकास पत्र के ब्याज दर में सरकार ने इजाफा किया है. 123 महीने के लिए किसान विकास पत्र पर दिसंबर तिमाही में 7% का ब्याज दर मिल रहा था जो अब 123 महीने की अवधि पर 7.2% फीसदी की दर से ब्याज मिलेगा.
SSY की ब्याज दर में कोई बदलाव नहीं
वहीं, सरकार ने सार्वजनिक भविष्य निधि (PPF) और सुकन्या समृद्धि योजना (SSY) जैसी छोटी बचत
योजनाओं की ब्याज दरों को जनवरी-मार्च तिमाही के लिए संशोधित नहीं किया गया है. बेटियों के लिए शुरू की गई सुकन्या समृद्धि योजना पर भी ब्याज दर 7.6 प्रतिशत पर रखा गया है.
इन स्कीमों (Savings Scheme) की ब्याज दरों में इजाफा
केंद्र सरकार ने पोस्ट ऑफिस की एक से पांच वर्ष की टर्म डिपॉजिट पर मिलने वाली ब्याज दरों में भी बढ़ोतरी की है. इसके अलावा सीनियर सिटीजन स्कीम, मंथली इनकम स्कीम, राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र के लिए भी इंटरेस्ट रेट में इजाफा हुआ है.
कितनी बढ़ी हैं ब्याज दरें
राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र (NSC) पर 1 जनवरी से 7 फीसदी की दर से ब्याज मिलेगा, जबकि अभी यह 6.8 फीसदी है. इसी तरह, वरिष्ठ नागरिक बचत योजना में निवेश पर 1 जनवरी से 8 फीसदी की दर से ब्याज मिलेगा. फिलहाल ये 7.6 फीसदी है. मंथली इनकम स्कीम की ब्याज दर भी 6.7 प्रतिशत से बढ़कर 7.1 फीसदी हो जाएगी. 1 से 5 साल की अवधि की पोस्ट ऑफिस टर्म डिपॉजिट स्कीम्स पर ब्याज दरें 1.1 प्रतिशत तक बढ़ जाएंगी.
इससे पहले दिसंबर तिमाही के लिए सरकार ने कुछ स्मॉल सेविंग स्कीम्स की ब्याज दरों में बढ़ोतरी की थी. यह बढ़ोतरी 0.30 बेसिस प्वाइंट की गई थी. केंद्र सरकार हर तिमाही छोटी बचत योजनाओं की समीक्षा करती है. अंतिम रूप से वित्त मंत्रालय ये फैसला लेता है.