बहराइच। यूपी के बहराइच में जिलाधिकारी कार्यालय सोमवार को 70 वर्षीय वृद्ध जुम्मन की नम आंखों में छाई खुशी का गवाह बना। दरअसल, जिलाधिकारी दिनेश चंद्र सिंह (DM Dinesh Chandra) ने सरकारी दस्तावेज में चार साल पहले मर चुके जुम्मन को राजस्व अभिलेख में जीवित होने की पुष्टि करते हुए खतौनी की कॉपी सौंपी। इस दौरान पीड़ित के बेटे ने सूबे के मुख्यमंत्री की तारीफ करते हुए जिले के डीएम का आभार जताया।
गौरतलब है जिले की महसी तहसील परिसर में बीती 20 जनवरी को समाधान दिवस आयोजित हुआ था। इसकी अध्यक्षता जिलाधिकारी दिनेश चंद्र सिंह (DM Dinesh Chandra) कर रहे थे। वहां मौजूद फरियादियों की एक-एक कर समस्याएं सुन रहे थे। इसी बीच तहसील क्षेत्र के ग्राम पड़ोहिया के 70 वर्षीय जुम्मन डीएम के सामने पहुंचे और भावुक होकर कहा, “साहब अभी हम जिंदा हैं लेकिन आपके लेखपाल साहब ने मुझे जमीन के दस्तावेजों में मार डाला है। इतना ही नहीं हमारी जमीन पर दूसरों का नाम दर्ज कर दिया है।”
जुम्मन की ये बात सुनने के बाद डीएम ने वहां मौजूद नायब तहसीलदार को प्रकरण की जांच कर चौबीस घंटे में रिपोर्ट देने के आदेश दिए। आदेश पर शुरू हुई जांच चौबीस घंटे में पूरी हो गई। इसमें जुम्मन की बात सही साबित हुई। नायब तहसीलदार की रिपोर्ट के बाद जिलाधिकारी ने इस मामले में कड़ा रुख अपनाते हुए धोखाधड़ी में शामिल लेखपाल के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के निर्देश दिए और खतौनी में मृत घोषित जुम्मन का नाम फिर से दर्ज करने का आदेश दिया।
खतौनी में पिता का नाम वापस आने के बाद जुम्मन के बेटे ने बताया कि खतौनी में उसके पिता को मरा दिखाकर दूसरे का नाम दर्ज कर दिया गया था। अब डीएम साहब व मुख्यमंत्री जी के कारण उनकी जमीन का कागज उन्हें वापस मिल गया है। इसके लिए उन्हें धन्यवाद देता हूं।
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जिलाधिकारी दिनेश चंद्र सिंह (DM Dinesh Chandra) ने बताया कि मुख्यमंत्री की मंशा अनुरूप पीड़ित को हर हाल में त्वरित न्याय दिलाना उनकी प्राथमिकता है। बताया कि तहसील की खाता संख्या 00116 की गाटा संख्या 691 की 0।3340 हेक्टेयर जमीन जुम्मन पुत्र गफूर थी। इसे भूमाफियाओं ने धोखे से अपने नाम दर्ज करा ली थी। ये प्रकरण विगत चार साल से लंबित था, जिसे चौबीस घंटे में दुरुस्त किया गया है।