हिंदू धर्म में शरद पूर्णिमा (Sharad Purnima) त्योहार का विशेष महत्व है। हिंदू पंचांग के मुताबिक, इस साल शरद पूर्णिमा 28 अक्टूबर रविवार को मनाई जाएगी। पौराणिक मान्यता है कि इस दिन चंद्रमा के अमृत बरसता है। इस कारण यदि खुले आसमान के नीचे खीर रखी जाती है तो वह भी अमृततुल्य हो जाती है और इस खीर के सेवन से सेहत को बहुत अधिक फायदा होता है। व्यक्ति को कई रोगों से मुक्ति मिलती है।
शरद पूर्णिमा (Sharad Purnima) को लेकर जो पौराणिक कथाएं प्रचलित है, उसके मुताबिक इस पूर्णिमा तिथि को चंद्रदेव अपनी 16 कलाओं से पूर्ण होते हैं। वहीं कुछ लोकगीतों व लोककथाओं में शरद पूर्णिमा का संबंध भगवान कृष्ण, देवी लक्ष्मी और इंद्र देव से भी जोड़कर देखा गया है।
शरद पूर्णिमा (Sharad Purnima) का मुहूर्त
हिंदू पंचांग के मुताबिक, इस साल शरद पूर्णिमा तिथि 28 अक्टूबर को है। आश्विन मास की पूर्णिमा तिथि 28 अक्टूबर को सुबह 4:17 बजे शुरू होगी। इस तिथि की समाप्ति 29 अक्टूबर को सुबह 1:53 बजे खत्म होगी।
शरद पूर्णिमा (Sharad Purnima) पर इसलिए खाते हैं खीर
पंडित चंद्रशेखर मलतारे के मुताबिक, खीर में मिश्रित दूध, चीनी और चावल के कारक भी चंद्रमा हैं और ऐसे में खीर का सेवन करने से शरद पूर्णिमा पर चंद्रमा का असर शरीर पर सबसे अधिक होता है। ज्योतिष के मुताबिक, यदि किसी जातक की कुंडली में चंद्रमा कमजोर हो तो या चंद्रमा 6वें, 8वें या 12वें भाव में हो तो चन्द्रमा की पूजा करना चाहिए। इसके अलावा शरद पूर्णिमा पर स्फटिक माला से ‘ॐ सों सोमाय’ मंत्र का जाप करना चाहिए।
खीर पीने से पहले इस मंत्र का करें जाप
ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ॐ महालक्ष्मी नम:।।
ॐ श्रीं ल्कीं महालक्ष्मी महालक्ष्मी एह्येहि सर्व सौभाग्यं देहि मे स्वाहा।।
ॐ ह्रीं श्री क्रीं क्लीं श्री लक्ष्मी मम गृहे धन पूरये, धन पूरये, चिंताएं दूरये-दूरये स्वाहा:।