पुणे। महाराष्ट्र के पालघर जिले के शिवसेना एकनाथ शिंदे गुट के नेता अशोक धोड़ी (Ashok Dhori) के हत्या की हत्या कर दी गयी है। अशोक धोड़ी 20 जनवरी से लापता थे। खुद के परिजनों ने ही संपत्ति विवाद के चलते हत्या की है। पालघर जिले के डहाणू विधानसभा क्षेत्र में शिवसेना (शिंदे गुट) के संगठक अशोक धोडी के अपहरण के मामले में नया मोड़ सामने आया है।
20 जनवरी को गुमशुदा अशोक धोड़ी (Ashok Dhori) की बारह दिनों की गहन जांच के बाद, पुलिस की आठ टीमों ने चार संदिग्धों को हिरासत में लिया, जिन्होंने पूछताछ के दौरान अशोक धोड़ी की हत्या की बात स्वीकार की है।
आरोपियों ने बताया कि उन्होंने धोड़ी की हत्या के बाद उनके शव को उनकी ब्रेजा कार सहित गुजरात में एक खदान में 50 फीट गहरे पानी में फेंक दिया और मामले को एक्सीडेंट बताने की कोशिश की।
जांच के दौरान यह चौंकाने वाला तथ्य सामने आ रहा है कि इस अपराध के पीछे मृतक के सगे भाई या किसी करीबी परिजन का ही हाथ हो सकता है। जांच के अनुसार भाई व्यक्तिगत दुश्मनी के चलते अन्य आरोपियों के साथ मिलकर इस घटना को अंजाम दिया होगा। पकड़े गए आरोपियों ने पुलिस को यही कहानी बताई है। हालांकि पालघर पुलिस तमाम सबूतों को जुटाने में लगी है, ताकि हत्या का असल कारण और साजिशकर्ता सामने लाया जा सके।
घटना की गंभीरता को देखते हुए पालघर के पुलिस अधीक्षक बालासाहेब पाटील, क्राइम ब्रांच के पुलिस निरीक्षक प्रदीप पाटील और घोलवड पुलिस स्टेशन के पुलिस निरीक्षक गजानन पडलकर अपनी टीम के साथ तुरंत मौके पर पहुंचे।
स्थानीय लोगों और क्रेन की मदद से खदान से मृतक अशोक धोड़ी की ब्रेजा कार को निकालने का प्रयास जारी है। इस घटना ने स्थानीय समुदाय में गहरा आक्रोश और शोक पैदा किया है।
पत्नी ने लापता होने की दर्ज कराई थी शिकायत
जिस दिन वह लापता हुए थे। उनकी पत्नी ने कहा था कि मेरे पति ने मुझसे कहा था कि वह काम के लिए मुंबई जा रहे हैं। मुंबई और ठाणे जाते समय वे हमेशा अपनी गाड़ी दहानू में छोड़कर ट्रेन से जाते हैं। उन्होंने मुझे सोमवार को फोन करके बताया कि सब्जियां पकाकर वहीं छोड़ दो, और वे घर आ रहे हैं। जब मैंने खाना बनाया और फोन किया, तो मेरी फोन नहीं उठा। उनकी पत्नी ने जवाब दिया है कि उनका फोन आज तक बंद है।
सीसीटीवी फुटेज और टोपोग्राफी के आधार पर होगी मौनी अमावस्या हादसे की सघन जांच
अगले दिन आसपास के बच्चों ने पूछा कि साहब घर आए हैं या नहीं, लेकिन फोन बंद होने के कारण हमने हर जगह खोजना शुरू कर दिया। लेकिन जब वे हमें नहीं मिले तो हमने बाद में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई।