• About us
  • Privacy Policy
  • Disclaimer
  • Terms & Conditions
  • Contact
24 Ghante Latest Hindi News
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
No Result
View All Result

अयोध्या राम की पैड़ी पर बनेगी 80 हजार दीयों से सजी रंगोली

Writer D by Writer D
17/10/2025
in उत्तर प्रदेश, अयोध्या
0
Deepotsav

Deepotsav

14
SHARES
176
VIEWS
Share on FacebookShare on TwitterShare on Whatsapp

अयोध्या। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) की मंशा के अनुरूप इस बार का नवम दीपोत्सव-2025 (Deepotsav) अयोध्या को नई सांस्कृतिक ऊँचाइयों पर ले जाने वाला है। रामनगरी न केवल लाखों दीपों की रोशनी में नहाएगी, बल्कि उत्तर प्रदेश की लोक कला, परंपरा और आध्यात्मिकता का अनूठा संगम भी प्रस्तुत करेगी। इस वर्ष राम की पैड़ी का दृश्य सबसे अलग होगा। यहां 80 हजार दीयों से सजाई जा रही रंगोली अद्भुत दृश्य पेश करेगी, जो भक्तिभाव, सौंदर्य और कला की गहराई को एक साथ दर्शाएगी।

लोककला की नई परिभाषा 80 हजार दीपों से बनेगी जीवंत रंगोली

अयोध्या दीपोत्सव (Deepotsav) के इतिहास में पहली बार राम की पैड़ी पर इतनी बड़ी दीप-रंगोली बनाई जा रही है। यह पारंपरिक चौक पूरने की कला पर आधारित है, जिसमें मिट्टी के दीयों, रंगों और फूलों का संयोजन किया जा रहा है। इस अद्वितीय रंगोली में लगभग 80 हजार दीपों को इस प्रकार सजाया जाएगा कि ऊपर से देखने पर यह ईश्वर आमंत्रण के प्रतीकात्मक रूप में नजर आएगी मानो खुद श्रीराम के आगमन के स्वागत में धरती सजी हो।

कलश, स्वस्तिक और कमल फूल की रूपरेखा में झलकेगी श्रद्धा

रंगोली की डिज़ाइन में कलश, स्वास्तिक और कमल पुष्प जैसे पारंपरिक प्रतीकों का समावेश किया गया है। कलश समृद्धि और मंगल का प्रतीक है, स्वास्तिक शुभता और सकारात्मकता का संकेत देता है,और कमल पुष्प भक्ति, पवित्रता और श्रीराम के दिव्य जीवन का प्रतीक माना गया है। इन प्रतीकों को रंगों और दीपों से इस तरह गूंथा जा रहा है कि प्रत्येक रेखा और हर दीया एक कथा कहेगा श्रद्धा, सौंदर्य और संस्कृति की।

चौक पूरने की परंपरा जब ईश्वर को आमंत्रित किया जाता है

लोक संस्कृति में “चौक पूरना” वह शुभ क्षण होता है जब किसी देवता को आमंत्रित किया जाता है। यह कला न केवल सजावट का माध्यम है, बल्कि यह उस संवाद का प्रतीक भी है जो मनुष्य और ईश्वर के बीच होता है। राम की पैड़ी पर यह चौक पूरने की शैली एक भव्य और जीवंत रूप में प्रस्तुत होगी रंगों से सजी, दीपों से जगमगाती और भक्ति की ऊर्जा से ओतप्रोत।

अवध विश्वविद्यालय की 50 छात्राओं की रचनात्मक टीम

इस अनूठी दीप-रंगोली को तैयार कर रही है डाॅ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय, अयोध्या की कला विभाग की टीम। 50 छात्राओं ने मिलकर इस रंगोली को डिजाइन और तैयार किया है। हर छात्रा अपने हिस्से की दीया सज्जा, रंग भराई और पैटर्न बनाने में पूरी निष्ठा से लगी हुई है।

रंगोली की प्रमुख संयोजक और कला विभाग की प्रतिभाशाली कलाकार डॉ सरिता द्विवेदी ने बताया राम की पैड़ी पर बनाई जा रही यह रंगोली हमारे लिए केवल एक कला नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक अनुभव है। हर रंग, हर दीया, हर आकृति में हमने अपनी भावना और श्रद्धा उड़ेल दी है। जब इतने सारे दीप एक साथ प्रज्वलित होंगे, तो वह दृश्य सिर्फ प्रकाश नहीं बिखेरेगा, बल्कि यह पूरी अयोध्या की आत्मा को प्रकाशित करेगा।

रंगों, मिट्टी और दीपों का त्रिवेणी संगम

रंगोली बनाने में पारंपरिक गेरू, चावल के आटे, प्राकृतिक रंग और मिट्टी का प्रयोग किया जा रहा है ताकि इसकी मौलिकता और पारंपरिक सौंदर्य बना रहे। दीपों को सजाने के लिए मिट्टी के स्थानिक कारीगरों की भी मदद ली गई है।

हर हिस्से को इस तरह जोड़ा गया है कि जब सूर्य अस्त होगा और दीप प्रज्वलित होंगे, तब पूरी रंगोली एक दिव्य छवि में परिवर्तित हो जाएगी, मानो धरती पर देवताओं ने स्वयं दीप जला दिए हों।

योगी सरकार की पहल से अयोध्या बनी कला की राजधानी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रेरणा से दीपोत्सव केवल एक धार्मिक पर्व नहीं रहा, बल्कि यह कला, संस्कृति और नवाचार का उत्सव बन चुका है। इस वर्ष अयोध्या का दीपोत्सव (Deepotsav) भारतीय लोक कला को अंतरराष्ट्रीय मंच पर पहचान दिलाने का माध्यम बन रहा है। मुख्यमंत्री का स्पष्ट दृष्टिकोण है दीपोत्सव (Deepotsav) केवल दीपों का नहीं, बल्कि अयोध्या की आत्मा को जगमगाने का पर्व है।

जब हर दीया बोलेगा जय श्रीराम

राम की पैड़ी पर 80 हजार दीपों से सजी यह रंगोली जब दीपोत्सव (Deepotsav) की रात चमकेगी, तो उसका दृश्य ऐसा होगा मानो धरती पर सितारे उतर आए हों। अयोध्या के हर कोने में तब एक ही स्वर गूंजेगा “जय श्रीराम!” और उस क्षण यह रंगोली केवल एक कलाकृति नहीं, बल्कि भक्ति और भारतीयता की जीवंत तस्वीर बन जाएगी।

Tags: deepotsav
Previous Post

यूपी के दुबई प्रवासियों ने विकसित उत्तर प्रदेश मिशन में लिया डिजिटल संकल्प

Next Post

ओबीसी छात्रों के उत्थान में योगी सरकार अव्वल: 2047 तक 7 करोड़ से अधिक ओबीसी छात्रों को छात्रवृत्ति से जोड़ने का लक्ष्य

Writer D

Writer D

Related Posts

CM Yogi
Main Slider

आत्मनिर्भर भारत अब केवल एक विचार नहीं, बल्कि साकार होती हकीकत है- सीएम योगी

18/10/2025
Rajnath Singh
Main Slider

अब पाकिस्तान की एक-एक इंच जमीन ब्रह्मोस की पहुंच मेंः राजनाथ सिंह

18/10/2025
CM Yogi
उत्तर प्रदेश

ब्रह्मोस सिर्फ भारत नहीं बल्कि दुनिया में अपने मित्र देशों की रक्षा करने का सबसे सक्षम हथियार- योगी आदित्यनाथ

18/10/2025
Mangaldeep
Main Slider

मंगलदीप का चमत्कार! राम मंदिर में जली सबसे विशाल धूपबत्ती, खुशबू से महकी रामनगरी

18/10/2025
One lakh bounty criminal Nafees killed in encounter
उत्तर प्रदेश

एक लाख का इनामी बदमाश नफीस पहुंचा यमलोक, 34 से अधिक मामलों में चल रहा था वांछित

18/10/2025
Next Post
Yogi government tops in the upliftment of OBC students

ओबीसी छात्रों के उत्थान में योगी सरकार अव्वल: 2047 तक 7 करोड़ से अधिक ओबीसी छात्रों को छात्रवृत्ति से जोड़ने का लक्ष्य

यह भी पढ़ें

Gyanvapi

Gyanvapi Masjid: सर्वे की दूसरी रिपोर्ट कोर्ट में सब्मिट, मस्जिद में मिले सनातन धर्म के सबूत

19/05/2022
Malaika Arora

मलाइका अरोड़ा के पिता का हुआ पोस्टमार्टम, सामने आई मौत की वजह

12/09/2024
Home remedy for Split hair

बालों के स्प्लिट एंड्स से आज ही पाए छुटकारा, इन खास टिप्स से

23/06/2021
Facebook Twitter Youtube

© 2022 24घंटेऑनलाइन

  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म

© 2022 24घंटेऑनलाइन

Go to mobile version