लखनऊ। दिल्ली ब्लास्ट (Delhi Blast) के बाद यूपी एटीएस (ATS) ताबड़तोड़ छापेमारी कर रही है। ATS टीम के साथ जम्मू-कश्मीर (J&K) पुलिस मंगलवार दोपहर डॉक्टर शाहीन शाहिद (Dr. Shaheen Shahid) के घर पहुंची है। उसका घर लखनऊ में लालबाग इलाके के खंदारी बाजार में है। टीम पूरे घर को खंगाल रही है। आस-पड़ोस के लोगों से भी पूछताछ की गई है। दोनों टीमों के सहयोग में लखनऊ पुलिस भी लगी हुई है।
इसके पहले पुलिस टीम ने मड़ियांव थाना क्षेत्र में शाहीन (Dr. Shaheen Shahid) के भाई डॉ. परवेज अंसारी को घर को 3 घंटे तक खंगाला। टीम पहुंची तो गेट पर ताला लगा था। ताला तोड़कर टीम घर के भीतर दाखिल हुई। घर में कोई भी नहीं था। पड़ोसियों ने बताया, परवेज अंसारी अपने बुजुर्ग पिता के साथ मकान में रहते हैं। लोगों से ज्यादा जुड़ाव भी नहीं है। पुलिस को यहां अहम दस्तावेज, डिजिटल डिवाइस, कार और बाइक मिली। उनकी जांच की जा रही है। घर के बाहर खड़ी कार पर इंटीग्रल यूनिवर्सिटी का पास लगा है।
एटीएस टीम (ATS Team) ने डॉ शाहीन (Dr. Shaheen Shahid) के पिता से पूछताछ की। यह छापेमारी डॉक्टर शाहीन के एक रिश्तेदार परवेज अंसारी के घर से लैपटॉप और दस्तावेज़ बरामद होने के बाद की गई।
सूत्रों के अनुसार, परवेज अंसारी, डॉ शाहीन का भाई है, और उसके घर से मिले दस्तावेज़ों से जांच में कई अहम सुराग मिले हैं। इसके साथ ही, शाहीन के एक और भाई को लेकर भी एटीएस (ATS) और जम्मू कश्मीर पुलिस द्वारा पड़ताल की जा रही है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि यह कार्रवाई आतंकवाद से जुड़े मामलों में पूछताछ और जांच का हिस्सा है, जिसमें परवेज अंसारी और उनके परिवार के सदस्यों का संदिग्ध लिंक सामने आया है। इस मामले में जांच अब भी जारी है और पुलिस सभी पक्षों से जानकारी जुटाने के लिए लगातार प्रयासरत है।
खंदारी बाजार के पुराने घर में पसरा सन्नाटा
डॉक्टर शाहीन (Dr. Shaheen Shahid) मूल रूप से लखनऊ के खंदारी बाजार स्थित मकान नंबर 121 में अपने परिवार के साथ रहती थीं। यही उनका पुश्तैनी घर है। मोहल्ले के लोग बताते हैं कि परिवार पढ़ा-लिखा और शांत स्वभाव का है। पिता रिटायर्ड कर्मचारी हैं, जबकि बड़ा बेटा शोएब परिवार के साथ यहीं रहता है। पड़ोसी बताते हैं कि शाहीन कई साल पहले ही लखनऊ छोड़ चुकी थीं। वे पढ़ाई पूरी करने के बाद नौकरी के सिलसिले में फरीदाबाद चली गई थीं। कुछ साल पहले उनकी शादी महाराष्ट्र के एक युवक से हुई थी। तब से वे वहीं रह रही थीं।









