पारंपरिक माटी कला को बेहतर बनाने और कारीगरों को प्रोत्साहित करने की कवायद के तहत उत्तर प्रदेश सरकार दीपावली पर राजधानी लखनऊ में माटी कला का बड़ा मेला लगाएगी।
माटीकला बोर्ड के महाप्रबंधक और अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल ने बुधवार को बताया कि इस मेले में शहरी लोगों को माटी कला के उत्पादों को खरीदने का मौका मिलेगा वहीं इस कला से जुड़े कारीगरों की आय में बढोत्तरी होगी। माटी कला बोर्ड की ओर से संचालित माटी कला समन्वित विकास कार्यक्रम में श्री सहगल ने छह माटीकला कारीगरों को पुरस्कृत किया।
उन्होंने कहा कि मिट्टी के कारीगरों को बिजली के चाक उपलब्ध कराने के बाद अब सरकार मूर्तियों को बनाने के लिए सांचे भी उपलब्ध कराएगी। गांव में मिट्टी के करोबार से जुड़े कारीगरों को पट्टे दिलाने के साथ उनके लिए भट्टियां भी बनवाएगी।
अपर मुख्य सचिव ने दावा किया कि सरकार पारंपरिक मिट्टी कला का प्रोत्साहित कर रही है। कारीगरों के समग्र विकास की योजनाएं प्रदेश भर में संचालित हैं। पारंपरिक मिट्टी से मूर्तियां बनाए जाने का काम यूपी में बड़ी तेजी से किया जा रहा है। इसका सीधा लाभ मिट्टी के कारीगरों को मिला है। करीगरों के करोबार को बढ़ाने के लिए उनको बैंक से ऋण दिलाने और उनकी ओर से निर्मित मूर्तियों की मार्केटिंग करने की भी व्यवस्था बनाई है।
उन्होंने कहा कि बहुत जल्द राजधानी लखनऊ में एक बड़ा मेला माटी कला का लगावाया जाएगा। जिसमें शहर के लोग मिट्टी के उत्पादों की खरीदारी कर सकेंगे। यह मेला दीपावली पर लगाया जाएगा। उन्होंने बताया कि सरकार माटी कला रोजगार स्कीम के तहत कारीगरों को ट्रेनिंग दे रही है और उसने कॉमन फेसिलिटी सेंटर भी स्थापित किये हैं। जिससे करीगरों को अधिक से अधिक लाभ मिल सके।