मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज कहा कि मनरेगा के माध्यम से हर शासकीय स्कूल में पोषण वाटिका (किचन गार्डन) बनवाए जाएंगे। स्कूलों में जगह न होने पर गांव में अन्य स्थान पर भी पोषण वाटिका बनाई जा सकती है।
श्री चौहान ने कहा कि अब पोषण वाटिका का नाम ‘माँ की बगिया’ होगा। स्कूल की स्वच्छता एवं माँ की बगिया के विकास एवं संरक्षण में विद्यार्थियों का पूरा योगदान लिया जाए।
मुख्यमंत्री आज यहां प्रदेश में निर्मित 2500 किचन शेड और 7100 पोषण वाटिकाओं के लोकार्पण के बाद संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज श्रीवास्तव भी उपस्थित थे।
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श्री चौहान ने कहा कि पहले बच्चे अपने स्कूल में स्वच्छता तथा स्कूल की तरक्की में अपना पूरा योगदान देते थे। हम तो अपने स्कूल में झाड़ू लगाते थे। स्कूल की स्वच्छता आदि के काम में कोई शर्म नहीं है। विद्यार्थियों को यह काम करना चाहिए।
श्री चौहान ने कहा कि भोजन हितभुक अर्थात शरीर के लिए लाभदायी, मितभुक अर्थात सीमित मात्रा में तथा ऋतुभुक अर्थात मौसम के अनुरूप होगा, तभी हमारा स्वास्थ्य अच्छा रहेगा। स्कूल में पोषण वाटिका बनाने का उद्देश्य है कि बच्चों को ताजी व अच्छी सब्जियां मध्यान्ह भोजन के लिए मिल सकें।
श्री चौहान ने कार्यक्रम में बालाघाट जिले के ग्राम जंगलटोला की सरपंच श्रीमती गुणवंता बिसेन, ग्वालियर जिले के ग्राम उटीला (मुरार) के शिक्षक पालक संघ के अध्यक्ष देवेन्द्र बघेल तथा गायत्री देवी से वर्चुअल संवाद किया। मुख्यमंत्री ने अच्छा किचन शेड निर्माण के लिए उन्हें बधाई दी।
श्री चौहान को भोपाल जिले के फंदा की प्राथमिक शाला, सिंकदराबाद की स्व-सहायता समूह की रसोइया श्रीमती सुनीता मारन ने बताया कि उन्होंने स्कूल में बनाई गई पोषण वाटिका का नाम ‘माँ की बगिया’ रखा है। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह उपयुक्त नाम है। अब प्रदेश की सभी पोषण वाटिकाओं को ‘माँ की बगिया’ कहा जाएगा।