लखनऊ। उत्तर प्रदेश में योगी सरकार (Yogi Sarkar) ने अपराध और अपराधियों (Criminals) के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस की नीति’ अपनाने के परिणामस्वरूप राज्य में माफिया तत्वों को बोलबाला खत्म होने का दावा करते हुए आंकड़ों के हवाले से कहा है कि बीते 65 महीने में 14 हजार से अधिक इनामी अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई हुयी।
मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से शुक्रवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक योगी सरकार के 65 महीनों के अब तक के कार्यकाल में 25 हजार रुपये के इनामी 12,811 अपराधियों पर कानून का शिकंजा कसा गया। इसके अलावा 50 हजार रुपये के 1317 इनामी बदमाश और 50 हजार रुपये से अधिक के 150 इनामी अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई हुयी। इतना ही नहीं इस अवधि में 795 आरोपियों के विरुद्ध रासुका लगा और गैंगेस्टर एक्ट के 17,694 मुकदमों में 56,491 अपराधी गिरफ्तार किये गये।
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी के निर्देशानुसार प्रदेश में माफिया और अपराधियों के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई की जा रही है। इनकी अवैध तरीके से कमाई गई संपत्ति को गैंगेस्टर एक्ट के तहत जब्त भी किया जा रहा है। उन्होंने दावा किया कि प्रदेश से संगठित अपराध का अब लगभग सफाया हो चुका है।
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सरकार का दावा है कि प्रदेश में इतने व्यापक पैमाने पर अपराधियों के विरुद्ध कार्रवाई होने के फलस्वरूप ही राज्य को राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) ने भी दंगामुक्त घोषित किया है। उप्र पुलिस ने इनामी माफिया और अपराधियों की 4000 करोड़ रुपये की अवैध संपत्ति को जब्त भी किया है। इसमें सबसे अधिक अपराधियों और माफिया के खिलाफ मुख्यमंत्री योगी के विधानसभा क्षेत्र से जुड़े गोरखपुर जोन में 593 करोड़ रुपये की अवैध संपत्ति जब्त की गई है।
इसके बाद लखनऊ कमिश्नरेट ने अपराधी तत्वों द्वारा अवैध तरीके से अर्जित की गयी 579 करोड़ रुपये और लखनऊ जोन ने 470 करोड़ रुपये से अधिक की अवैध संपत्ति जब्त की है। वहीं, मेरठ जोन ने 417 करोड़ रुपये और वाराणसी जोन ने 406 करोड़ रुपये की अवैध संपत्ति जब्त की है।