कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जनता से किए वादे नहीं निभाने का आरोप लगाते हुए कहा कि वह सच के सिपाही हैं और झूठे वादे नहीं करते इसलिए बिहार में सरकार बनी तो किसानों की कर्ज माफी, रोजगार समेत सभी वादे पूरे करके दिखाएंगे।
श्री गांधी ने बिहार में तीसरे चरण के विधानसभा चुनाव वाले कटिहार और किशनगंज जिले में महागठबंधन के उम्मीदवारों के पक्ष में मंगलवार को आयोजित चुनावी सभाओं को संबोधित करते हुए कहा कि वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में श्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि वह कालेधन वापस लाएंगे और सभी के बैंक खाते में पंद्रह-पंद्रह लाख रुपये डालेंगे और हर साल दो करोड़ युवाओं को नौकरी देंगे लेकिन चुनाव जीतने और प्रधानमंत्री बनने के बाद वह अपने सभी वादे भूल गए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री बनने के बाद श्री मोदी शाम आठ बजे आते हैं और कहते हैं अब से 500 और 1000 रुपये के पुराने नोट बंद कर दिए गए हैं अब जनता अपने पैसे बैंकों में रखे।
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कांग्रेस नेता ने कहा कि सभी देशवासियों के खाते में पंद्रह-पंद्रह लाख रुपये देने का वादा करने वाले श्री मोदी ने प्रधानमंत्री बनने के बाद नोटबंदी लागू कर उल्टा जनता के पैसे बैंक में जमा करा लिए। गरीब, मजदूर, किसान और बीमारों को बैंक शाखाओं एवं एटीएम के बाहर कतार में खड़ा करा दिया लेकिन श्री मोदी के उद्योगपति मित्र अंबानी और अडाणी को बैंकों में पीछे के रास्ते से प्रवेश दे दिया। नतीजा यह हुआ कि नोटबंदी के दौरान जनता की गाढ़ी कमाई बैंकों में रखवाकर अंबानी और अडाणी जैसे उद्योगपतियों के तीन लाख 50 हजार करोड़ रुपये के ऋण माफ कर दिए।
श्री गांधी ने कहा कि इसी तरह वर्ष 2015 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस एवं राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के साथ गठबंधन करने वाले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी राज्य की जनता से झूठे वादे किए और उन्हें धोखा दिया। इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विरोध में मिले जनादेश का अपमान कर श्री कुमार ने फिर से भाजपा से हाथ मिला, यह बिहार की जनता के साथ उनका सबसे बड़ा धोखा था। इसके बाद कोरोना काल में बाहर से बिहार लौटे लोगों को यहीं रोजगार देने का वादा किया लेकिन उसे भी पूरा नहीं कर पाए। उन्होंने कहा कि बाहर से बिहार लौटते लोगों को सभी ने देखा लेकिन रोजगार नहीं मिलने के कारण उन्हें वापस फिर से दूसरे राज्यों में लौटना पड़ा। उन्होंने कहा कि वह सच्च के सिपाही हैं और श्री मोदी और श्री नीतीश कुमार की तरह झूठे वादे नहीं करते, यदि इस बार बिहार में महागठबंधन की सरकार बनी तो किसानों के ऋण माफ करने, उन्हें धान की खरीद पर छत्तीसगढ़ की तरह 2500 रुपये प्रति क्विंटल की कीमत दिलाने, युवाओं को राेजगार, बेहतर शिक्षा एवं अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने समेत सभी वादे पूरे करके दिखाएंगे।
श्री गांधी ने कहा कि इसी तरह मोदी सरकार ने पिछले दिनों कृषि सुधार के नाम पर तीन कानून लागू किया और दावा किया कि इसकी बदौलत किसान अब अपनी उपज कहीं भी और किसी को भी बेच सकते हैं। दरअसल, इन कानूनों का उद्देश किसानों का भला करना नहीं है बल्कि पूरे देश में एमएसपी और मंडी व्यवस्था को समाप्त करना है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार इन व्यवस्थाओं को इसलिए समाप्त करना चाहती है क्योंकि वह छोट-छोटे बिचौलियों को समाप्त कर किसानों को दो-तीन बड़े बिचौलियों के चंगुल में फंसाना चाहती है।
कांग्रेस नेता ने बिहार समेत पूरे देश के किसानों को आगाह करते हुए कहा कि आने वाले समय में किसान अपनी उपज केवल अंबानी और अडाणी को बेचने के लिए मजबूर होंगे। क्या ऐसे में देश का गरीब किसान इन उद्योगपतियों से अपनी उपज का उचित दाम ले पाएंगे। उन्होंने कहा कि पंजाब के किसान मोदी सरकार की चालबाजियों को समझ चुके हैं और उनमें इतना गुस्सा है कि उन्होंने इस बार दशहरे के दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पुतला जलाया।
श्री गांधी ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) हों या श्री नरेंद्र मोदी वह सबसे अधिक हमले उन पर करते हैं क्योंकि आज देश में यदि कोई इनका खिलाफ बोल रहा है या इनसे लड़ रहा है तो वह खुद हैं। उन्होंने कहा कि वह सच्चाई के सिपाही हैं, वह सच्चा काम करते हैं इसलिए उन्हें इनके हमलों से न तो कोई फर्क पड़ता है और न ही डर लगता है। उन्होंने कहा कि वह श्री मोदी और श्री नीतीश कुमार की तरह झूठे वादे नहीं करते और प्रधानमंत्री श्री मोदी की तरह झूठ उनके बस की बात नहीं है।