गाजीपुर से सपा सांसद अफजाल अंसारी (Afzal Ansari) ने अपने छोटे भाई माफिया मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) की मौत को लेकर एक बार फिर बड़ा बयान दिया है। गाजीपुर में पत्रकार वार्ता के दौरान अफजाल अंसारी ने मुख्तार अंसारी की मौत को हत्या बताया। उन्होंने कहा है कि मुख्तार अंसारी की मौत सरकार द्वारा प्रायोजित हत्या थी।
सपा सांसद अफजाल अंसारी (Afzal Ansari) ने कहा कि मुख्तार अंसारी की हत्या सरकार के गोद में पल रहे बड़े माफिया (बृजेश सिंह, त्रिभुवन सिंह) को बचाने के प्रयास में हुई थी। अफजाल अंसारी ने कहा कि मुख्तार की गवाही से उस माफिया को सजा हो जाती। उन्होंने कहा कि ‘मुख्तार की हत्या जुडिशियल कस्टडी में की गई है, सरकार और मीडिया तो इसे शुरू से हार्ट अटैक बता रही है। हालांकि मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है, वहीं उसका फैसला होगा।
मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) के काफिले पर हमला
दरअसल साल 2001 में मुख्तार अंसारी के काफिले पर हमला किया गया था। इसमें मुख्तार के सरकारी गनर समेत तीन लोगों की मौत हो गई थी। जिसके बाद बृजेश सिंह के खिलाफ मुख्तार अंसारी ने मुहम्मदबाद कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया था। इसी मामले में मुख्तार अंसारी की गवाही होनी थी।
अफजाल अंसारी (Afzal Ansari) ने आगे कहा कि उस माफिया के खिलाफ चल रहे मुकदमे में मुख्तार अंसारी की गवाही हो जाती तो नजारा कुछ और होता। उस केस के सारे गवाहों को मुल्जिम बनाकर फंसा दिया गया। उन्होंने कहा कि 2001 में जो घटना हुई थी, उसी घटना में 23 साल के बाद मुकदमा लिखा जाता है। फिर गवाहों को गवाही नहीं देने के लिए विवश किया गया। क्योंकि वह सरकार के द्वारा पाला गया माफिया सरगना है।
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मुख्तार की मौत का मामला अभी भी सुप्रीम कोर्ट में है और इस सम्बंध में जो भी पक्ष रखना होगा वो कोर्ट में रखेंगे। उन्होंने कहा कि भारत में किसी भी कस्टोडियल डेथ में मजिस्ट्रेटिव जांच का प्रावधान होता है, लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार ने कोई अलग से जांच नहीं कराई। कस्टोडियल डेथ में यदि कोई टीवी से भी मरेगा तो उसकी भी मजिस्ट्रेट रियल जांच होगी। यह जांच इसलिए होती है कि जो भी गलत और सही है उस पर मिट्टी डाल दिया जाए।