उत्तर प्रदेश सरकार विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना के तहत प्रशिक्षित कारीगरों को ऋण उपलब्ध कराने के लिये आईसीआईसीआई बैंक के साथ एमओयू कर सकती है।
एमएसएमई विभाग के अपर मुख्य सचिव डा नवनीत सहगल से बुधवार को आईसीआईसीआई बैंक कन्ट्री हेड (इन्स्टीट्यूशनल बिनेजस) सौरभ सिंह ने मुलाकात की और एमएसएमई विभाग के साथ किये गये एमओयू पर विस्तार से चर्चा की। साथ ही प्रदेश में स्किल डेवलपमेंट के क्षेत्र में कार्य करने की इच्छा प्रकट की।
उन्होंने बताया कि बैंक द्वारा लखनऊ एवं गोरखपुर में स्किल डेवलपमेंट अकादमी संचालित की जा रही है। जिसमें युवाओं को निःशुल्क ट्रेनिंग देकर रोजगार से जोड़ा जा रहा है। अकादमी में हर तीन माह में 1000 युवाओं को दक्ष किया जा रहा है। डा सहगल ने श्री सिंह के प्रस्ताव का स्वागत करते हुए कहा कि प्रदेश में प्रत्येक वर्ष 40 हजार युवाओं का स्किल डेवलपमेंट कराया जा रहा है। इस कार्य में सहयोग के लिए उन्होंने आईसीआईसीआई बैंक को एमओयू के लिए प्रस्ताव भी दिया।
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डा सहगल ने कहा कि बैंक आफ बड़ौदा के साथ एमओयू किया गया है, जिसके माध्यम से बैंक द्वारा एमएसएमई की स्थापना के लिये लोगों को 59 मिनट के अंदर ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। आईसीआईसीआई बैंक द्वारा भी इस प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सकती है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष बैंकों ने 8.82 लाख एमएसएमई को ऋण दिया है।
अपर मुख्य सचिव ने कहा कि पारंपरिक कारीगरों को बढ़ावा देने के लिए संचालित विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना के तहत कारीगरों को कौशल प्रशिक्षण के साथ उन्नत किस्म के टूलकिट्स निःशुल्क वितरित किये जा रहे है। प्रत्येक वर्ष 30 हजार कारीगरों को प्रशिक्षित किये जाने का लक्ष्य है। उन्हाेने कहा कि विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना के तहत प्रशिक्षित कारीगरों को आईसीआईसीआई बैंक ऋण उपलब्ध कराने के लिए एमएसएमई विभाग से एमओयू किया जा सकता है।
इस अवसर पर आईसीआईसीआई बैंक के जोनेल हेड अमिताभ, अभिषेक परासर, रीजनेल हेड पारूतोष जोशी, चीफ मैनेजर गोपाल जोशी सहित विभागीय अधिकारी मौजूद थे।