लखनऊ: शीतकालनी सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को प्रदेश के ऊर्जा मंत्री एके शर्मा (AK Sharma) ने सदन में यह स्पष्ट कर दिया है कि उत्तर प्रदेश में कर्मचारियों के लाख विरोध के बावजूद बिजली वितरण का निजीकरण जरूर किया जाएगा। नुकसान वाले क्षेत्रों में निजीकरण जरूर किया जाएगा। लाइन लॉस बहुत अधिक होने की वजह से यह निर्णय लिया गया है। सदन में ऊर्जा मंत्री के इस बयान को सुनते ही समाजवादी पार्टी के विधायकों ने सदन से वाकआउट कर दिया।
समाजवादी पार्टी ने बजट पर चर्चा होने के बाद इस संबंध में सवाल किया था कि क्या बिजली वितरण का निजीकरण किया जाएगा। जिस पर ऊर्जा मंत्री (AK Sharma) ने स्पष्ट किया कि लाइन लॉस बहुत अधिक होने की वजह से कई क्षेत्रों में निजीकरण किया जाएगा।
उन्होंने (AK Sharma) कहा कि ‘मैं सबसे कम दिल्ली जाने वाले नेताओं में से हूं। हम जो भी करते हैं प्रधानमंत्री के आशीर्वाद और मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन और नेतृत्व में करते हैं।
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उन्होंने (AK Sharma) कहा कि आपके समय में बिजली का आना एक न्यूज बनती थी और वर्तमान सरकार में बिजली का जाना एक न्यूज़ बनती है। सपा सरकार में कब बिजली आती थी और कब जाती थी पता ही नहीं चलता था। उस समय बच्चे बिजली के तार से झूला झूलते थे और महिलाएं कपड़ें सुखाती थीं, क्योंकि भरोसा होता था कि बिजली नहीं आएगी’। ऊर्जा मंत्री (AK Sharma) के तेवर से नाराज समाजवादी पार्टी के विधायकों ने इसके बाद सदन छोड़ दिया।