लखनऊ। सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) रामचरितमानस (Ramcharitmanas) को लेकर दिए गए आपत्तिजनक बयान के बाद अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) उनसे नाराज हैं। सूत्रों के मुताबिक, अखिलेश यादव स्वामी से बेहद नाराज हैं और कल पार्टी की तरफ इसे लेकर प्रेस वार्ता भी की जा सकती है। अखिलेश के अलावा पार्टी के कई विधायक भी मौर्य के इस बयान से खुद को अलग रख रहे हैं।
सूत्रों की मानें तो कई विधायकों ने फोन पर अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) से बात की है। सपा एमएलसी के रामचरितमानस पर विवादित बयान से पार्टी के अंदर भारी असंतोष भी है। गौर करने वाली बात यह भी है कि सपा की ओर से अब तक स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान का किसी तरह से खंडन करने या रामचरितमानस पर दिए गए बयान की निंदा करने वाला बयान सामने नहीं आया है। सपा के ज्यादातर पार्टी प्रवक्ताओं ने इस पर चुप्पी साध ली है और सभी को अखिलेश यादव की प्रतिक्रिया का इंतजार है।
अखिलेश (Akhilesh Yadav) दे सकते हैं जवाब
पार्टी नेताओं का कहना है कि खुद राष्ट्रीय अध्यक्ष (Akhilesh Yadav) इस मुद्दे पर अपनी बात जनता के सामने रख सकते हैं। लेकिन पार्टी के भीतर ये चर्चा जरूर है कि अगर रामचरितमानस में यह चौपाई लिखी है तो फिर क्यों न बीजेपी से पूछा जाए कि क्या वह इन चुनिंदा चौपाइयों से सहमत है!
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जानकारों की मानें तो इस बयान के दो पहलू हैं, एक इसका धार्मिक पहलू है और दूसरा सामाजिक। सपा के भीतर दोनों पहलुओं पर विचार हो रहा है। पार्टी का मानना है कि ऐसे बयान से पार्टी को नुकसान हो सकता है। वहीं, सपा का अंबेडकरवादी जो धड़ा है उसका मानना है कि इस बहाने अगर दलितों, महिलाओं और पिछड़ों के बारे में इस धर्म ग्रंथ में कुछ लिखा गया है तो उस पर बहस होने देना चाहिए। इसमें कोई बुराई नहीं।