झांसी कम्पनी के अधिकारियों की प्रताड़ना से तंग आकर एक एम्बुलेंस डेस्क सहायक ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। इससे पहले उसने मामले की जानकारी पिता को देते हुए मोबाइल में रिकॉर्ड कर दी थी। सुबह जब मामले ने तूल पकड़ लिया तो पुलिस ने कम्पनी के आरोपित अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।
दिनेश कुमार यादव सीएचसी बड़ागांव में एंबुलेंस सेवा 108 व 102 के हेल्प डेस्क के पद पर कार्यरत था। उसके पिता माधव सिंह यादव ने पुलिस को दिए प्रार्थना पत्र में बताया कि जीयूके कंपनी के शीर्ष अधिकारियों के द्वारा उसे मानसिक एवं आर्थिक तौर से इतना प्रताड़ित किया गया कि मजबूर होकर शनिवार रात लगभग 09 बजे अपनी ड्यूटी पर तैनात रहते हुए उसने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बड़ागांव के एंबुलेंस स्टाफ के रूम में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
उसने बताया कि शनिवार की रात करीब 08 बजे उसके पास उसके बेटे ने फोन करके बताया कि वह ड्यूटी से बहुत ही परेशान है। बोल रहा था कि कंपनी के अधिकारियों द्वारा फोन पर फर्जी केस बनाने का दबाव बनाने को लेकर गाली गलौज किया जा रहा है। न बनाए जाने पर नौकरी से निकालने की धमकी दी जा रही है।
उसके द्वारा बताया गया कि फोन पर कंपनी के शीर्ष अधिकारी आए दिन गाली गलौज करते हैं और मानसिक प्रताड़ित करते हैं। दिनेश ने इसकी जानकारी लखनऊ हेड ऑफिस में बैठे शीर्ष अधिकारियों को भी दी। पर किसी प्रकार की सुनवाई नहीं हुई। उसके वेतन में प्रतिमाह कटौती की जा रही थी जिससे वह आर्थिक रूप से बहुत परेशान हो गया था।
इस सभी अधिकारियों के उत्पीड़न करने की बात दिनेश के फोन कॉल रिकॉर्ड में उपलब्ध पाई गई है। माधव सिंह ने आरोप लगाया कि दिनेश की आत्महत्या के लिए कंपनी के शीर्ष अधिकारी टस्क रेड्डी वाइस प्रेसिडेंट, लिंगराज दास एचआर हेड, करुणेश तिवारी एचवीई हेड, ऑपरेशन हेड दिनेश सिंह यादव, आरएम संदीप, ईएमई रमेश शुक्ला, ईएमई नीलेश चतुर्वेदी इस घटना के जिम्मेदार हैं। पुलिस ने सुसंगत धाराओं में उक्त सभी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।