नई दिल्ली. राज्यसभा ने मंगलवार को विपक्षी सदस्यों के भारी हंगामे के बीच ‘नौचालन के लिये सामुद्रिक सहायता विधेयक 2021’ को ध्वनिमत से मंजूरी दे दी और इसके बाद सदन की कार्यवाही शाम चार बजे तक स्थगित कर दी गई।
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तीन बार के स्थगन के बाद अपराह्न तीन बजे कार्यवाही शुरू होते ही उप सभापति हरिवंश ने इस विधेयक पर चर्चा को आगे बढ़ाने के लिए कुछ सदस्यों के नाम पुकारे लेकिन जासूसी और किसानों की समस्याओं पर विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण नाम साफ साफ नहीं सुना जा सका। इसी दौरान उन्होंने हंगामा कर रहे सदस्यों को शांत रहने की अपील की और पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनेवाल को चर्चा का जवाब देने के लिए कहा। मंत्री ने भारी शोरगुल के बीच करीब तीन चार मिनट तक इस विधेयक पर अपना पक्ष रखा।
इसके बाद हरिवंश ने हंगामा कर रहे सदस्यों से अपनी अपनी सीट पर जाने और विधेयक पर मतदान में भाग लेने की अपील की लेकिन विपक्षी सदस्य सदन के बीचों बीच नारेबाजी करते रहे। इसी बीच हरिवंश ने इस विधेयक को ध्वनिमत से पारित करा दिया और सदन की कार्यवाही शाम चार बजे तक स्थगित कर दी।
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विधेयक के उद्देश्यों एवं कारणों में कहा गया है कि समय-समय पर सामुद्रिक क्षेत्र में बहुत परिवर्तन हुए हैं और नौचालन के लिये सामुद्रिक सहायता के क्षेत्र में प्रौद्योगिकी का काफी विकास हुआ है। इसमें जलयान यातायात सेवा और नौचालन सहायता का विविधीकरण शामिल है जिसके अंतर्गत प्रकाश स्तम्भ और प्रकाश पोतों से भिन्न तकनीकी सहायता शामिल है।
इसमें कहा गया है कि नौचालन के लिये सामुद्रिक सहायता की भूमिका ‘रेडियो और डिजिटल’ आधारित हो गई है। ऐसे में सरकार और उक्त अधिनियम की धारा 3 के तहत नियुक्त महानिदेशक की भूमिका व्यापक हो गई है।
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इसके तहत नौचालन के लिये सामुद्रिक सहायता पद का प्रकाश स्तम्भ के स्थान पर उपयोग करने का प्रावधान किया गया है ताकि कानूनी रूप से नौचालन के संबंध में समुद्री सहायता के लिये आधुनिक विधियों का और बेहतर उपयोग किया जा सके।