नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal ) को कोर्ट से राहत नहीं मिली है। कोर्ट ने उनकी अंतरिम बेल याचिका पर फैसला नहीं सुनाया है। इसके मद्देनजर केजरीवाल को कल 2 जून को ही तिहाड़ जेल जाकर सरेंडर करना होगा। दरअसल, कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को 10 मई को चुनाव प्रचार के लिए 21 दिनों की अंतरिम जमानत पर रिहा किया था। उनकी जमानत 2 जून को खत्म हो रही है और उन्हें रविवार को सरेंडर करना है।
इससे पहले ईडी ने कहा था कि हमने अपना जवाब दाखिल कर दिया है। वहीं अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal ) के वकील एन हरिहरन कोर्ट में मौजूद हैं। एस जी तुषार मेहता भी वीडियो कांफ्रेंसिंग से ही जुड़े हैं। अरविंद केजरीवाल ने सरेंडर की डेडलाइन से सिर्फ 3दिन पहले राउज एवेन्यू कोर्ट में जमानत याचिका दायर की थी। इस दौरान ईडी के वकील ने केजरीवाल की जमानत का विरोध किया।
केजरीवाल (Arvind Kejriwal ) कोर्ट को गुमराह कर रहे
ASG राजू ने बहस की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि केजरीवाल को अंतरिम जमानत केवल चुनाव प्रचार के लिए मिला था। इन्हें 2 जून को सरेंडर करना है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने पिछले आदेश में कही भी नहीं कहा की अरविंद अपनी अंतरिम जमानत बढ़ाने की मांग को लेकर याचिका दाखिल कर सकते हैं। SG तुषार मेहता ने तुषार मेहता ने कहा कि केजरीवाल कोर्ट को मिसलीड कर रहे हैं। कोर्ट के सामने तथ्य छुपा रहे हैं।
SG ने कहा कि क्या ये अदालत सुप्रीम कोर्ट के फैसले को मोडीफाई कर सकती है। मेरी जानकारी के मुताबिक नही, केवल सुप्रीम कोर्ट ही कर सकता है।तुषार मेहता ने कहा कि अरविंद मेडिकल टेस्ट कराने की बजाए लगातार रैलियां कर रहे थे। इसका मतलब है कि वो बीमार नहीं है। 7 KG वजन कम होने का दावा गलत है बल्कि अरविंद का वजन एक किलो बढ़ गया था।
ASG ने तर्क दिए
ASG ने कहा कि जहां तक नियमित जमानत का सवाल रहा तो उन्हें हिरासत में होना चाहिए। आज की तारीख में वो हिरासत में नहीं है। केजरीवाल को अंतरिम जमानत इसलिए मिली है क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी थी। वह यहां सुप्रीम कोर्ट के आदेश के एक्स्टेंशन की मांग कर रहे हैं। केजरीवाल को अंतरिम जमानत राऊज एवेन्यू कोर्ट से नहीं मिली है वो सुप्रीम कोर्ट से मिली है तो इस कोर्ट से अंतरिम जमानत बढ़ाने की मांग कैसे कर सकते हैं।
‘इस बार कितने दिनों तक जेल में रखेंगे मुझे नहीं पता, लेकिन…’, सरेंडर से पहले केजरीवाल का भावुक संदेश
ASG राजू ने ये भी दलील दी कि सुप्रीम कोर्ट से उन्हें सिर्फ ये छूट मिली थी कि वो नियमित ज़मानत के लिए निचली अदालत जा सकते है, लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि वो यहां अंतरिम ज़मानत की मांग करने लगें। उनकी 7 दिनो की अंतरिम जमानत की मांग सुनवाई लायक नहीं है।
केजरीवाल (Arvind Kejriwal )के वकील की दलील
अदालत ने अरविंद (Arvind Kejriwal ) के वकील एन हरिहरन को अपना पक्ष रखने को कहा। अदालत ने कहा कि पहले ये तय करेंगे कि अरविंद की याचिका सुनवाई योग्य भी है या नही? हरिहरन ने पूछा कि क्या ईडी यह सुझाव देना चाह रही हैं कि जो व्यक्ति बीमार है या जिसकी मेडिकल कंडीशन खराब है, उसे कोई उपचार नहीं मिलेगा? यह मेरा अनुच्छेद 21 का अधिकार है। सुप्रीम कोर्ट ने हमें जमानत अर्जी दाखिल करने की छूट दी थी, उसी आधार पर हमने नियमित और अंतरिम जमानत मांगी है। हरिहरन ने खुद का उद्हारण देते हुए कहा कि मैं 1994 से शुगर का मरीज हूं। पिछले 30 साल से मेरा शुगर डाउन रहता है। मैं 54 यूनिट इंसुलिन रोज लेता हूं। मेरा स्वास्थ सही नहीं है। अपने स्वास्थ्य का इलाज करवाना मेरा अधिकार है। सारी रिपोर्ट हमने कोर्ट के समक्ष रखी है।