चंडीगढ़। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी (CM Nayab Singh) ने कहा है कि विधानसभा का शीतकालीन सत्र बहुत जल्द आयोजित किया जाएगा। इसके लिए सरकार की तरफ से राज्यपाल को पत्र भेज दिया गया है।
मुख्यमंत्री (CM Nayab Singh) सोमवार को पंचकूला में पुस्तक मेले के उदघाटन अवसर पर पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि विधानसभा के एक दिवसीय सत्र में विधायकों की शपथ ग्रहण तथा स्पीकर व डिप्टी स्पीकर का चुनाव हो चुका है। अब विधिवत रूप से विधानसभा का नियमित सत्र बुलाया जाएगा। जिसमें सभी विधायकों को अपने-अपने हलकों की बात रखने का अवसर मिलेगा। सैनी ने कहा कि अभी कोई तिथि निर्धारित नहीं हुई है लेकिन प्रयास किया जा रहा है कि लोकसभा के सत्र से पहले-पहले विधानसभा सत्र का आयोजन किया जाए।
प्रदेश में पराली को लेकर चल रहे विवाद पर मुख्यमंत्री (CM Nayab Singh) ने कहा कि हरियाणा में पिछले तीन वर्षों में पराली जलाने की घटनाओं में कमी आई है। पिछले वर्ष के मुकाबले इस साल प्रदेश में पराली जलाने के 38 फीसदी कम मामले सामने आए हैं। उन्होंने कहा कि हरियाणा में किसानों ने धान की खेती को छोडक़र वैकल्पिक खेती को अपनाना शुरू कर दिया है वहीं पराली प्रबंधन में भी सरकार के साथ आकर खड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि किसानों को पराली प्रबंधन के लिए दी जाने वाली मशीनों पर सब्सिडी बढ़ाने को लेकर भी विचार किया जा रहा है। आने वाले समय में हरियाणा पराली प्रबंधन के मामले में भी टॉप करेगा।
मुख्यमंत्री (CM Nayab Singh) ने कहा कि हरियाणा में डीएपी की कोई कमी नहीं है। विपक्ष इस मामले में नकारात्मक नेरेटिव सैट करने का प्रयास कर रहा है।
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उपलब्धता को लेकर समीक्षा की। उन्होंने कहा कि राज्य में डीएपी खाद की कोई कमी नहीं है और सभी किसानों को समय पर खाद मिलेगा। उन्होंने कहा कि पिछले साल रबी सीजन में अक्टूबर 2023 में डीएपी की कुल खपत 1,19,470 मीट्रिक टन (एमटी) थी, जबकि अक्टूबर 2024 में खपत 1,14,000 मीट्रिक टन रही। आज की तारीख में राज्य में डीएपी की उपलब्धता 24000 मीट्रिक टन है और किसानों के लिए डीएपी की दैनिक आपूर्ति के लिए रेक प्लानिंग की गई है। वर्ष 2023 रबी सीजन के दौरान नवंबर में कुल 72697 मीट्रिक टन की खपत हुई थी।
राज्य सरकार के प्रयासों के परिणामस्वरूप, केंद्र ने नवंबर महीने के लिए 1,10,000 मीट्रिक टन डीएपी उर्वरक आवंटित किया है, जिसमें से नवंबर के पहले सप्ताह के लिए रेक मूवमेंट पर 41,600 मीट्रिक टन और दूसरे सप्ताह के लिए 40,000 मीट्रिक टन की योजना बनाई गई है और नवंबर 2024 के तीसरे सप्ताह में इसे घटाकर 20,000 मीट्रिक टन कर दिया जाएगा।