अयोध्या । भगवान प्रभु राम की नगरी अयोध्या में उनके बन रहे भव्य मंदिर के निर्माण में ही एक हजार करोड़ खर्च होने का अनुमान है। राममंदिर निर्माण का कार्य प्रगति पर है। अप्रैल से नींव की भराई का कार्य शुरू हो जाएगा। अभी नींव के लिए खोदे गए गड्ढे का समतलीकरण किया जा रहा है।
उधर निधि समर्पण अभियान से एकत्र धन को राममंदिर सहित अन्य प्रकल्पों के निर्माण में किस अनुपात में खर्च किया जाए इसको लेकर ट्रस्ट मंथन करने में जुट गया है। ट्रस्ट का अनुमान है कि अकेले राममंदिर निर्माण में ही एक हजार करोड़ का खर्च आएगा। फिलहाल राममंदिर निर्माण पर खर्च होने वाली धनराशि की गणना अभी पत्थरों की नक्काशी पर अटकी हुई है।
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ट्रस्ट के सूत्रों के अनुसार राममंदिर निर्माण में धन की कोई कमी आड़े नहीं आने वाली है। निधि समर्पण अभियान से ट्रस्ट ने 1100 करोड़ की धनराशि एकत्र होने की अपेक्षा की थी, लेकिन परिणाम अपेक्षा से कहीं अधिक रहा। राममंदिर के लिए तीन हजार करोड़ एकत्र हो चुके हैं।
श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय का कहना है कि अभी तक यह गणना नहीं हो पाई है कि राममंदिर निर्माण में कितना खर्च आएगा। गणना पत्थरों की नक्काशी पर अटक रही है। आज मशीनों का प्रचलन अधिक है तो भी अनुमान है कि 40 प्रतिशत उपयोग मशीनों का होगा और 60 प्रतिशत कार्य तो हाथ से ही करना पड़ेगा। इसके लिए कितने कारीगर चाहिए इसको लेकर मंथन किया जा चुका है।
उन्होंने कहा कि पिछले कुछ महीनों तक यह माना जा रहा था कि मंदिर चार सौ करोड़ में बन जाएगा, लेकिन अब लगता है कि लागत दो गुणा से ज्यादा होगा । मतलब करीब एक हजार करोड़ का खर्च केवल राममंदिर निर्माण में ही आएगा। राममंदिर परिसर में भक्तों के लिए जो जनसुविधाएं विकसित करने की योजना है उसमें भी अच्छी खासी राशि खर्च होने का अनुमान है ।