बरेली में 26 सितंबर को बरेली के श्यामगंज इलाके में हुए उपद्रव (Bareilly Violence) के मामले में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। पुलिस पर पेट्रोल बम फेंकने वाले आरोपी आरिफ को गिरफ्तार कर लिया गया है। यह वही घटना है, जो आईएमसी प्रमुख मौलाना तौकीर रजा खां के बुलावे के बाद हुई थी।
बरेली में आई लव मोहम्मद के पोस्टर लगाने को लेकर विवाद (Bareilly Violence) खड़ा हो गया था। इस विवाद को भड़काकर शहर में बवाल कराने की साजिश रची गई थी। पुलिस की रिपोर्ट के अनुसार, 26 सितंबर को श्यामगंज इलाके में उपद्रवियों ने जमकर पथराव, फायरिंग और तोड़फोड़ की थी। दुकानों के शीशे तोड़े गए और पुलिस पर पेट्रोल से भरी बोतलें फेंकी गईं। इस घटना के बाद शहर के अलग-अलग थानों में कुल दस मुकदमे दर्ज किए गए थे। कई वीडियो और फोटो के आधार पर उपद्रवियों की पहचान की गई थी। इन्हीं में एक नाम आरिफ पुत्र मुन्ने निवासी हजियापुर का भी सामने आया था।
पार्षद अनीस सकलैनी के इशारे पर हुआ हमला
बारादरी थाना प्रभारी धनंजय पांडेय के मुताबिक, आरोपी आरिफ को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया। पूछताछ में आरिफ ने अपना जुर्म कबूल कर लिया। उसने बताया कि वह आईएमसी प्रमुख मौलाना तौकीर रजा खां के करीबी पार्षद अनीस सकलैनी का सहयोगी है। आरिफ के मुताबिक, 26 सितंबर को अनीस सकलैनी के कहने पर वह अपने मोहल्ले के कुछ लड़कों के साथ श्यामगंज पहुंचा था। वहां उन्होंने नारेबाजी की और इस्लामिया ग्राउंड की तरफ जाने की कोशिश की। पुलिस ने जब उन्हें रोका, तो उन्होंने बैरिकेड तोड़ दिए और पुलिस से बदसलूकी की।
आरिफ ने खुद पेट्रोल भरी बोतलें पुलिस टीम पर फेंकीं
इंस्पेक्टर पांडेय ने बताया कि जांच में यह साफ हुआ है कि आरिफ ने खुद पेट्रोल भरी बोतलें पुलिस टीम पर फेंकीं, जिससे हालात और बिगड़ गए। पुलिस ने मौके से कई सबूत भी जुटाए थे, जिनसे आरिफ की पहचान पक्की हुई।
पुलिस ने आरोपी आरिफ को कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। अधिकारियों ने बताया कि बरेली के 26 सितंबर बवाल में अब तक कई मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। पुलिस के मुताबिक, इस मामले में अब तक 105 से ज्यादा आरोपी, जिनमें मौलाना तौकीर रजा भी शामिल हैं, जेल भेजे जा चुके हैं। इनमें कई नेता, कार्यकर्ता और उपद्रव में शामिल स्थानीय युवक शामिल हैं।
जांच एजेंसियों का मानना है कि यह पूरा बवाल पहले से रची गई साजिश का हिस्सा था, ताकि शहर का माहौल खराब किया जा सके। सोशल मीडिया के जरिए भी अफवाहें फैलाने की कोशिश की गई थी।