दीपावली के दो दिन बाद कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को भाई दूज (Bhai Dooj) का त्योहार मनाया जाता है। पौराणिक मान्यता है कि इस दिन बहन अपने भाई के माथे पर रोली, चंदन और अक्षत लगाती है और लंबी उम्र की प्राप्ति के लिए कामना करती है। हिंदू धर्म में भाई-बहन के त्योहार रक्षाबंधन की तरह ही भाई दूज पर्व का भी विशेष महत्व है। देश में कई स्थानों पर भाई दूज (Bhai Dooj) के त्योहार को भाई टीका पर्व या यम द्वितीया के नाम से भी जाना जाता है।
कब मनाया जाएगा भाई दूज (Bhai Dooj) पर्व
हिंदू पंचांग के अनुसार, भाई दूज (Bhai Dooj) की पूजा का शुभ मुहूर्त 14 नवंबर 2023 को दोपहर 01:10 बजे से दोपहर 03:19 बजे तक है। पंडित चंद्रशेखर मलतारे के मुताबिक, इस साल भाई दूज के पर्व पर इस बार शोभन योग भी निर्मित हो रहा है।
जो काफी शुभ माना जा रहा है। हिंदू ज्योतिष में उदया तिथि का भी विशेष महत्व है। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, भाई दूज पर्व 15 नवंबर को भी मनाया जा सकता है।
भाई दूज (Bhai Dooj) को लेकर पौराणिक मान्यता
भाई दूज (Bhai Dooj) पर्व को लेकर पौराणिक मान्यता है कि भगवान यम अपनी बहन यमुना के घर भोजन के लिए गए थे। इन दिन यह माना जाता है कि सभी भाईयों को अपनी बहनों के ससुराल में जरूर जाना चाहिए।
अविवाहित बहनों को घर पर ही अपने भाईयों को तिलक लगाना चाहिए। इस दिन भगवान गणेश का ध्यान व पूजा भी जरूर करना चाहिए। भाई को तिलक लगाने के लिए एक थाली में रोली, अक्षत और गोला जरूर रखें। भाईयों को भी अपनी बहनों को कुछ उपहार जरूर देना चाहिए।