नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) की सीधी भर्ती में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। अब सीधी भर्ती के जिन पदों के लिए स्क्रीनिंग परीक्षा कराई जाएगी उनमें अंतिम मेरिट लिखित परीक्षा और इंटरव्यू के अंकों को जोड़कर तैयार होगी। अब तक चयन सिर्फ इंटरव्यू के नंबरों के आधार पर ही होता है। स्क्रीनिंग परीक्षा सिर्फ अभ्यर्थियों की भीड़ कम करने के लिए होती है।
सूत्रों के अनुसार इस संबंध में शासन को प्रस्ताव भेजा गया है। इसकी सारी औपचारिकताएं पूरी हो गई हैं और किसी भी समय मुख्यमंत्री की मंजूरी मिल सकती है। आयोग के अध्यक्ष संजय श्रीनेत का कहना है कि शासन से मंजूरी मिलने के तत्काल बाद स्क्रीनिंग परीक्षा के अंकों को अंतिम चयन में जोड़ने की व्यवस्था लागू कर दी जाएगी।
आयोग ने अगस्त 2018 में हुई बैठक में ही फैसला लिया था, लेकिन प्रस्ताव शासन में लंबित रहा। अब आयोग ने नये सिरे से नियमावली में बदलाव की अपनी संस्तुति भेजी है। यह बदलाव संघ लोक सेवा आयोग की तर्ज पर किया जा रहा है। सीधी भर्ती की व्यवस्था जानने के लिए यूपीपीएससी की कमेटी संघ लोक सेवा आयोग भेजी गई थी। उसी कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर यह निर्णय लिया गया है।
स्क्रीनिंग और इंटरव्यू के 50-50% अंक जोड़ सकते हैं
आयोग की ओर से शासन को भेजे गए प्रस्ताव में स्क्रीनिंग परीक्षा और इंटरव्यू के अंकों को कितना अधिभार (वेटेज) दिया जाएगा यह स्पष्ट नहीं है। हालांकि चार साल पहले जो प्रस्ताव भेजा गया था उसमें स्क्रीनिंग परीक्षा और इंटरव्यू में अभ्यर्थियों को मिले 50-50 प्रतिशत अंकों को जोड़कर मेरिट तैयार करने की बात थी। ऐसे में माना जा रहा है कि वही प्रस्ताव इस बार भी भेजा गया है।
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ज्यादा पद होने पर कराते हैं स्क्रीनिंग परीक्षा
सीधी भर्ती वह होती है जिसमें चयन साक्षात्कार के आधार पर किया जाता है। हालांकि सीधी भर्ती के जिन पदों के लिए आयोग को ज्यादा आवेदन मिलते हैं, उसके लिए स्क्रीनिंग परीक्षा कराई जाती है, ताकि परीक्षा के आधार पर अभ्यर्थियों की संख्या कम हो जाए फिर साक्षात्कार आसानी से संपन्न कराए जा सके। स्क्रीनिंग परीक्षा की ऊपर की मेरिट से अभ्यर्थियों को साक्षात्कार के लिए बुलाया जाता है।