पटना। बिहार विधानसभा चुनाव के लिए शनिवार को तीसरे चरण की वोटिंग खत्म हो गई है। इसके बाद अब एग्जिट पोल के नतीजे भी सामने आ गए हैं। वैसे बिहार में सत्ता की गद्दी किसे मिलेगी? यह तो 10 नवंबर को ही साफ हो पाएगा।
इंडिया टुडे-एक्सिस माय इंडिया के सर्वे के मुताबिक बिहार में मुख्यमंत्री पत्र के लिए लालू यादव के बेटे और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव राज्य के 44 फीसदी लोगों की पसंद हैं। सर्वे की माने तो तेजस्वी यादव के राजनीतिक ग्राफ में तेजी से इजाफा हुआ है।
दूसरी ओर मुख्यमंत्री के चेहरे के रेस में मौजूदा सीएम नीतीश कुमार पीछे हो गए हैं। सर्वे के मुातबिक बिहार के 35 फीसदी लोगों ने नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री के रूप में अपना पसंद बताया है। ऐसे में अगर ये अनुमान सही हुए तो नीतीश कुमार को बड़ा झटका लग सकता है।
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वहीं, बिहार चुनाव में अकेले मैदान में उतरने वाले एलजेपी प्रमुख चिराग पासवान को महज 7 फीसदी लोग ही मुख्यमंत्री के तौर पर देखना चाहते हैं। चिराग पासवान की पार्टी एलजेपी ने बिहार की 243 सीटों में से 135 सीटों पर अपने उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं। ग्रैंड डेमोक्रेटिक सेकुलर फ्रंट में मुख्यमंत्री का चेहरा राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (आरएलएसपी) के प्रमुख उपेंद्र कुशावहा को बिहार के 4 फीसदी लोग ही सीएम के तौर पर देखना चाहते हैं। आरएलएसपी ने राज्य की 99 विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं।
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आज एग्जिट पोल के आंकड़े इशारा कर रहे हैं कि एनडीए और महागठबंधन में कांटे की टक्कर है। सी वोटर्स के मुताबिक, एनडीए को सबसे ज्यादा 37.7 फीसदी वोट मिल सकते हैं, लेकिन सीटों के मामले में महागठबंधन कुछ आगे है। महागठबंधन को 36.3 फीसदी वोट मिल सकते हैं। टीवी9 भारतवर्ष और रिपब्लिक-जन की बात के एग्जिट पोल के आंकड़े भी बराबरी का मुकाबला बता रहे हैं, जिसमें मामूली बढ़त महागठबंधन के पास है। बिहार में 243 विधानसभा सीटों के लिए करोड़ों वोटर्स ने तीन चरणों में मताधिकार का प्रयोग किया है।