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बाइक बोट घोटाला: वांछित आरोपी बी एन तिवारी को एसटीएफ़ ने लखनऊ से दबोचा

Bike Bot Scam

Bike Bot Scam

उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने करोड़ों रुपये के चर्चित बाइक बोट घोटले में वांछित बी एन तिवारी को लखनऊ से आज गिरफ्तार कर लिया।

एसटीएफ प्रवक्ता ने यहां यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि गौतमबुद्धनगर के दादरी थाने पर वर्ष 2019 से दर्ज बाइक बोट के करीब 4200 करोड़ रुपये के घाटाले में वांछित बी एन तिवारी को गुरुवार को लखनऊ के गोमतीनगर में मनोज पाण्डेय चौराहे से गिरफ्तार कर लिया।

उन्होंने बताया कि बाइक बोट के नाम सैकड़ों करोड़ो की घोटाला करने वाली गर्वित इनोवेटिव प्रमोटर्स प्रा0लि0 के विरूद्ध थाना दादरी गौतमबुद्धनगर पर वर्ष 2019 में आरबीआई एक्ट व 58बी कम्पनी आदि एक्ट के तहत मामला दर्ज कराया गया था। इस मामले की जांच आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्लू) के पुलिस महानिदेशक ने तीन सितम्बर 2020 को दी गई थी और जांच ईओडब्लू की मेरठ इकाई द्वारा की जा रही थी। इस विवेचना के क्रम में पुलिस महानिदेशक ने लखनऊ से वांछित अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए एसटीएफ से सहयोग के लिए अनुरोध किया गया था।

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प्रवक्ता ने बताया कि आज एसटीएफ की टीम को सूचना मिली कि बाइक बोट के नाम पर ठगी करने वाला एवं एक मीडिया चैनल का मालिक वांछित है और मनोज पाण्डेय चौराहे गोमतीनगर लखनऊ के पास खड़ा है तथा कहीं जाने की फिराक में है।

इस सूचना पर एसटीएफ के उपनिरीक्षक पवन सिंह के नेतृत्व में एक टीम मुखबिर द्वारा बताये गये स्थान पर पहुंची और वांछित बी एन तिवारी को गिरफ्तार कर लिया। उसके कब्जे से चार मोबाइल फोन के अलावा अन्य दस्तावेज आदि बरामद किए। उन्होंने बताया कि पूछताछ पर गिरफ्तार आरोपी ने बताया कि इसकी मुलाकाल विजेन्द्र सिंह हुड्डा गर्वित

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इनोवेटिड प्रालि (जीआईपीएल) कम्पनी नोएडा के मालिक से हुई थी। इसके (बीएन तिवारी) कम्पनी द्वारा बैट्री से चलने वाली बाइक बनायी जाती थी। जिसे गर्वित इनोवेटिव प्रा0लि0 को सप्लाई की जाती थी। उस कंपनी ने लोगों को जोड़कर बाइक के नाम पर इन्वेस्टमेन्ट कराया जाता था, कम्पनी द्वारा 62,100 रुपये प्रति बाइक इन्वेस्ट करवाया जाता था और इसके एवज में इन्वेस्टर को एक वर्ष तक 9,800 रुपये रुपये प्रतिमाह देने का वादा किया जाता था। इस प्रकार एक साल में लगभग दोगुने मुनाफे का लालच देकर लोगों को फंसाया जाता था तथा यदि एक व्यक्ति द्वारा तीन बाइक लगाये जाने पर एक्स्ट्रा बोनस देने का भी लालच दिया जाता था। इस प्रकार हम लोगों ने सैंकड़ों लोगों को इस कम्पनी के साथ जोड़कर उनके साथ धोखा कर लगभग 4200 करोड रूपये का घोटाला किया। इस काम में इसके साथ और भी बहुत से लोग जुडे हुए थे। वर्ष 2019 में जब बहुत पैसा इकठ्ठा हो गया तो ये लोग कम्पनी बन्द कर फरार हो गये और यह भी

गिरफ्तारी के भय से ठिकाने बदलता घूम रहा था। प्रवक्ता ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी के विरूद्ध थाना दादरी व ईओडब्लू मेरठ की टीम द्वारा कार्रवाई की जा रही है। गौरतलब है इस मामले में एसटीएफ पहले कई आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है।

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