बिकरू कांड में एसआईटी की जांच में दोषी पाए गए पूर्व डीआईजी अनंत देव तिवारी के खिलाफ विभागीय जांच शुरू हो गई है। इसमें लखनऊ के ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर क्राइम को पीठासीन अधिकारी और कानपुर के एडिशनल पुलिस कमिश्नर कानून व्यवस्था को प्रेजेंटिंग ऑफिसर नियुक्त किया गया है।
शुक्रवार को इस मामले में पीठासीन अधिकारी के समक्ष सुनवाई हुई। ये सुनवाई लखनऊ में की जा रही है। बिकरू कांड में सीओ समेत आठ पुलिस कर्मियों की हत्या कर दी गई थी। शहीद सीओ देवेंद्र सिंह की मौत के बाद से ही पूर्व डीआईजी अनंत देव पर लगातार कई आरोप लगे थे कि सीओ ने उन्हें विकास दुबे और पूर्व एसओ विनय तिवारी की खिलाफ पत्राचार किया था।
इसके बाद भी उनपर कोई कार्रवाई नहीं की गई। हालांकि इस जांच में उन्हें क्लिन चिट मिल गई थी। क्योंकि उस दौरान आईजी लखनऊ की जांच में यह सामने आया कि पत्र लिखा तो गया था मगर भेजा नहीं गया।
पर्दे के मिल्खा का ‘मिल्खा सिंह’ को आखिरी सलाम, शेयर किया भावुक पोस्ट
मामला तब बिगड़ा जब शहीद सीओ का ऑडियो क्लीप सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। जिसमें चौबेपुर और बिल्हौर के बीच एक मवेशियों भरे ट्रक की डीलिंग और उसमें पूर्व डीआईजी के रोल का बखान शहीद सीओ ने किया था।
जिसमें पूर्व डीआईजी दोषी पाए गए। अनंत देव की ओर से विकास दुबे, जयकांत बाजपेई और पूर्व एसओ विनय तिवारी के खिलाफ कोई ठोस कदम नहीं उठाए जाने की बात सामने आई थी। एसआईटी ने एक हजार पन्नों की रिपोर्ट सौंपी थी जिसमें पूर्व डीआईजी को भी दोषी माना गया था।
शुक्रवार को लखनऊ में पीठासीन अधिकारी लखनऊ के ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर नीलाब्जा चौधरी के सामने प्रेजेंटिंग ऑफिसर एडिशनल पुलिस कमिश्नर आकाश कुलहरि ने डॉक्यूमेंट पेश किए। इसमें पूर्व डीआईजी के खिलाफ जो भी आरोप लगे हैं वह किन कागजातों के आधार पर लगाए गए हैं। अब इस मामले में वह अपना जवाब दाखिल करेंगे।