कई राज्यों में बर्ड फ्लू के प्रकोप को ध्यान में रखते हुए उत्तर प्रदेश में भी अलर्ट जारी किया गया है और साथ ही लखनऊ तथा कानपुर चिड़ियाघर में पक्षियों के बाड़े सेनेटाइज कराये जा रहे हैं ।
नवाब वाजिद अली शाह प्राणि उद्यान (चिड़ियाघर) के निदेशक आर के सिंह ने आज यहां यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कई राज्यों में बर्ड फ्लू के मामले सामने आने पर यहां चिड़ियाघर में पक्षियों और लोगों की सुरक्षा के लिए पुख्ता इंतजाम किए गये हैं।
उन्होंने बताया कि वर्तमान में कई राज्यों में बर्ड फ्लू का प्रकोप तेजी से फैल रहा है। इसे देखते हुए यहां नवाब वाजिद अली शाह प्राणि उद्यान में विशेष तौर पर इसकी रोकथाम एवं बचाव की व्यवस्था की जा रही है। उन्होंने बताया कि चिड़ियाघर में किसी भी प्रकार के बाहरी वाहनों का प्रवेष पूर्णतः वर्जित है और यहां प्रवेश करने वाले सभी दर्शकों एवं कर्मचारियों को फुटवाश का प्रयोग करके तथा हाथों के सेनेटाइजेशन के बाद ही प्रवेश दिया जा रहा है।
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श्री सिंह ने बताया कि प्राणि उद्यान के सभी बाड़ों विशेषतौर पर पक्षियों के बाड़ों का सेनेटाइजेशन किया जा रहा है तथा बाड़ों के अगल-बगल चूने का छिड़काव भी किया जा रहा है। बर्ड फ्लू के प्रकोप को देखते हुए अभी कुछ समय के लिये भोजन में दिये जाने वाले पोल्ट्र मुर्गी को बन्द कर दिया गया है, अण्डों को 20 मिनट उबालने के उपरान्त ही वन्य जीवों को दिया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि पक्षियों के बाड़ों के अन्दर या बाहर किसी भी पक्षी में किसी प्रकार के लक्षण प्रतीत होते है तो उसे तुरन्त विस्तृत जांच के लिए भेजा जायेगा। प्राणि उद्यान परिसर के अन्दर यदि किसी पक्षी की मृत्यु होती है तो उसे बर्ड फ्लू के प्रोटोकाल के उपरान्त सारी सतर्कता बरतते हुए जांच के लिए भेजा जायेगा। उन्होंने कहा कि पक्षी बाड़ों की देखभाल करने वाले कीपरों को बर्ड फ्लू के बारे में जागरूक किया गया है, जिससे वह सतर्क रहे।
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प्राणि उद्यान के निदेशक ने कहा कि यहां वन्य जीवों को दिये जाने वाले भोजन को पोटेशियम पर मैगनेट के
घोल से साफ करके ही वन्य जीवों को दिया जा रहा है। प्राणि उद्यान के सभी पक्षियों की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए विशेषतौर पर औषधियां दी जा रही है। इसके साथ ही प्राणि उद्यान में बर्ड फ्लू के लिये अलग से आइसोलेशन वार्ड की व्यवस्था की गयी है। इसी तरह की व्यवस्था कानपुर चिड़ियाघर में भी की गई हैं।
इस बीच प्राणि उद्यान के चिकित्सक डॉ. उत्कर्ष शुक्ला ने बताया कि हालांकि लखनऊ में अभी इस तरह का कोई मामला नहीं आया है। इसके बावजूद चिड़ियाघर प्रशासन अलर्ट मोड पर है, जिससे पक्षियों और यहां आने वाले दर्शकों को सुरक्षित रखा जाए।
गौरतलब है कि लखनऊ से सटे बाराबंकी जिले में भी कुछ कोवों के मरने की सूचना है। वन विभाग द्वारा उन्हें जांच के लिए भेजा है।