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‘होइहि सोइ जो राम रचि राखा, को करि तर्क बढ़ावै साखा’, गोंडा की रैली में बोले बृजभूषण शरण सिंह

Brijbhushan Sharan Singh

Brijbhushan Sharan Singh

गोंडा। महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न के आरोप से घिरे बृजभूषण शरण सिंह (Brijbhushan Sharan Singh ) ने रविवार को यूपी के गोंडा में बड़ी रैली कर अपनी ताकत दिखाई। बृजभूषण शरण सिंह ने अपने संबोधन की शुरुआत में कहा कि सभी कार्यकर्ताओं माता बहनों को हाथ जोड़कर प्रणाम करता हूं।

उन्होंने कहा कि मीडिया वाले मुझे बड़ी तिरछी नजरों से देख रहे हैं। बृजभूषण ने अपने संबोधन की शुरुआत शायरी से की। बृजभूषण शरण सिंह ने शायरी ‘कभी यश कभी गम, कभी जहर पिया जाता है तब जाकर जमाने में जिया जाता है… इसको रुसवाई कहें या शोहरत अपनी, दबे होठों से नाम लिया जाता है।’ से अपने संबोधन की शुरुआत की।

बृजभूषण शरण सिंह (Brijbhushan Sharan Singh ) ने कहा कि हम खुद से सवाल करते हैं। हम कई बार ये सोच नहीं पाते कि क्या खोया, क्या पाया। बृजभूषण ने देश की आजादी के तुरंत बाद पाकिस्तान के कबाइली हमले, चीन युद्ध का जिक्र कर कांग्रेस पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि देश की आजादी के तुरंत बाद पाकिस्तान ने कबाइली हमला किया और हमारी 78 हजार वर्ग किलोमीटर जमीन आज भी पाकिस्तान के कब्जे में है।

बृजभूषण शरण सिंह (Brijbhushan Sharan Singh ) ने चीन युद्ध का भी जिक्र किया। उन्होंने पंडित नेहरू को भी निशाने पर रखा। बृजभूषण शरण सिंह ने 1971 की लड़ाई का जिक्र करते हुए कहा कि तब एक अवसर था जब अपनी जमीन वापस लाई जा सकती थी। तब सेना ने पाकिस्तान के 92 हजार सैनिकों को बंदी बना लिया था।

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बीजेपी सांसद ने कहा कि तब अगर नरेंद्र मोदी की सरकार जैसी मजबूत सरकार रही होती, बीजेपी की सरकार रही होती तो ये 92 हजार सैनिक ऐसे ही नहीं चले जाते। पाकिस्तान को हमारी जमीन लौटानी पड़ती। बृजभूषण ने इमरजेंसी का जिक्र करते हुए भी कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा।

हालांकि, पूरे संबोधन के दौरान उन्होंने पहलवानों के आरोप को लेकर कुछ नहीं कहा। ब्रजभूषण शरण सिंह ने अपने संबोधन का समापन रामचरितमानस की चौपाई और जय श्रीराम के नारे से किया। उन्होंने अपने संबोधन के अंत में रामचरितमानस की चौपाई ‘होइहि सोइ जो राम रचि राखा, को करि तर्क बढ़ावै साखा’ सुनाई।

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