नई दिल्ली। भारत के डिजिटल इंडिया प्रोग्राम के तहत भारत अब कई मायनों में हाईटेक बन गई है। इसी तरह ब्रोकिंग सेक्टर के डिजिटलीकरण से ऐसे इन्वेस्टर्स को बहुत सुविधा हुई है, जो सुरक्षित और बिना किसी परेशानी वाले व्यापार के प्लेटफॉर्म्स की तलाश कर रहे थे। साल 2020 में भारतीय ब्रोकिंग इंडस्ट्री के डिजिटलीकरण में तेजी आई। कोरोना महामारी लॉकडाउन के दौरान, अधिक से अधिक लोग ऑनलाइन ब्रोकरेज एप्लीकेशन और वेबसाईट पर कारोबार करने लगे।
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निवेशकों को बेहतरीन ट्रेडिंग का अनुभव देने के लिए ब्रोकर्स ने क्लाउड-आधारित तकनीक और कम्प्यूटरीकृत अनुप्रयोगों जैसी नई टेक्नोलॉजी को अपनाया है, यह सब तकनीकें नई उभरती ब्रोकिंग इंडस्ट्री की ताकत है। ट्रेडिंग वॉल्यूम और नए खाता खोलने के लिए ब्रोकर्स क्लाउड-आधारित सिस्टम की ओर तेजी से बढ रहे हैं। अतीत के बुनियादी ढांचे के विपरीत, क्लाउड कंप्यूटिंग आसान मापनीयता, प्रभावी लागत और समय की बचत प्रदान करता है।