जयपुर। कांग्रेस हाईकमान की ओर से कड़ी मशक्कत के बाद राजस्थान संकट को हल किए जाने के बाद लग रहा था कि अब सब कुछ सामान्य हो जाएगा, लेकिन विधानसभा में सचिन पायलट की सीट को लेकर विवाद खड़ा हो सकता है।
दरअसल, विधानसभा में सचिन पायलट की सीट को बदल कर उन्हें निर्दलीय विधायकों के साथ बैठाया गया है। पायलट और उनके समर्थक विधायकों को गैलरी में लगी कुर्सी पर बैठाया गया है। इस बारे में विधानसभा में बोलते हुए पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने कहा कि आज मैं सदन में आया तो देखा कि मेरी सीट पीछे रखी गई है। मैं आखिरी कतार में बैठा हूं। मैं राजस्थान से आता है, जो कि पाकिस्तान बॉर्डर पर है। बॉर्डर पर सबसे मजबूत सिपाही तैनात रहता है। मैं जब तक यहां बैठा हूं, सरकार सुरक्षित है।
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निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा के बगल में 127 नंबर सीट पर सचिन पायलट की बैठने की व्यवस्था की गई है। सचिन पायलट के साथ ही पूर्व मंत्री विश्वेंद्र सिंह और रमेश मीणा के भी बैठने की जगह में बदलाव किया गया है। विश्वेंद्र सिंह आखिरी पंक्ति में 14वें नंबर सीट पर बैठे जबकि, रमेश मीणा भी पांचवीं पंक्ति की 54 नंबर सीट पर बैठे हैं। कोरोना की वजह से भी विधायक को दूर-दूर बैठाया जाएगा। इसके लिए विधानसभा में कुछ अतिरिक्त सीटें भी लगाई गईं हैं। विधानसभा के सदन में 45 से ज्यादा अतिरिक्त सीटें लगाई गई हैं। सोफा और कुर्सियों को लोहे की चैन से बांधकर रखा गया है।
राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष के कार्यक्रम अनुसार मंत्री शांति कुमार धारीवाल अशोक गहलोत के बगल वाली सीट पर बैठे। वहीं विधानसभा कार्यवाही के दौरान अपनी सीट बदलने जाने पर प्रतिक्रिया दते हुए पायलट ने कहा कि आपने (विधानसभा अध्यक्ष) मेरी सीट में बदलाव किया। पहले जब मैं आगे बैठता था, सुरक्षित और सरकार का हिस्सा था। मैने सोचा मेरी सीट यहां क्यों रखी है। मैंने देखा कि यह सरहद है। सरहद पर उसे भेजा जाता है, जो सबसे मजबूत होता है।
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सचिन पायलट ने कहा कि समय के साथ सभी बातों का खुलासा होगा, जो कुछ कहना था सुनना था, हमें जिस डॉक्टर के पास अपने मर्ज को बताना था बता दिया। सदन में आज आएं हैं तो कहने-सुनने की बातों को छोड़ना होगा। इस सरहद पर कितनी भी गोलीबारी हो, मैं कवच और ढाल बनकर रहूंगा।