कुशीनगर जिले के कसया थानाक्षेत्र के गांव मल्लूडीह स्थित कबीर आश्रम में रहने वाली एक 80 वर्षीया साध्वी की गुरूवार को दोपहर बाद त्रिशूल से गोद-गोद कर हत्या कर दी गई। मृतक साध्वी के गुप्तांग के अंदर डाले गए कपड़ा की पोटली से अनुमान लगाया जा रहा है कि हत्या से पूर्व उसके साथ दुराचार भी हुआ है।
घटना को अंजाम देने के बाद हत्यारा कमरे में ही खुद को बंद कर लिया था। पुलिस के सहयोग से उसे तोड़ा और बाहर निकाला। मौके पर कई थानों की फोर्स तैनात है। एसपी सचिंद्र पटेल खुद मामले की मानिटरिंग कर रहे हैं।
कुकुत्था नदी के किनारे सुनसान स्थान पर कबीर आश्रम है। अनुमोल दास व असल दास मुख्य संचालक हैं। लगभग 20 वर्षों से बिहार राज्य के गांव सैंथु, थाना राजपुर, जिला बक्सर निवासिनी 80 वर्षीया जमुनी दास भी यहां रहती थीं। अनुमोल दास काफी दिनों से किसी दूसरे आश्रम पर गए हैं। असल दास गुरुवार की शाम क्षेत्र भ्रमण पर निकल गए थे। वृद्ध साध्वी अकेले आश्रम में थी। शाम लगभग 3 बजे नदी किनारे पशु चरा रहे चरवाहे आश्रम की ओर गए तो उन्होंने सुनसान देखा।
कमरे के जंगले से झांक कर देखा तो वृद्ध साध्वी खून से लतपथ नंगे अवस्था में जमीन पर मृत पड़ी थी। हत्यारा कमरा अंदर से बंद कर उसी में चहल कदमी कर रहा था। चरवाहों ने शोर किया तो पूरा गांव ही आश्रम पर उमड़ पड़ा। इसी बीच पुलिस पहुंच गई। उसके सहयोग से जुटे लोगों ने फाटक तोड़ कर हत्यारे को पकड़ा और बाहर निकाला। हालांकि उसे काबू करने में पुलिस और लोगों को काफी मशक्कत करनी पड़ी।
प्रत्यक्षदर्शियों की मानें तो नंगे अवस्था में मृत पड़ी वृद्ध साध्वी के गुप्तांग में कपड़े की पोटली बनाकर डाला गया था। वृद्ध साध्वी के शरीर पर मिले चोट के निशान और कई अंगों को अंग भंग किए जाने से प्रतीत हो रहा है कि हत्या काफी बेरहमी से की गई है। पुलिस ने हत्या में प्रयुक्त त्रिशूल भी बरामद कर लिया है। हत्यारे की पहचान 55 वर्षीय परशुराम निवासी चिरड़िया, थाना गोला, जिला गोरखपुर के रूप में हुई है। पुलिस कार्रवाई में जुटी है।